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चैत्र नवरात्र : इस बार घोड़े पर सवार होकर आएंगी देवी मां, जानिए मां के हर वाहन का महत्व और असर

चैत्र नवरात्र पर मां घोड़े पर सवार होकर धरती पर आगमन करेगीं। मां के हर वाहन का अपना महत्व और असर है।

Edited by: India TV Lifestyle Desk
Updated on: March 22, 2022 20:51 IST
ma durga- India TV Hindi
Image Source : TWITTER/JAGDAMBETSR ma durga

Highlights

  • देवी मां का वाहन इस बार घोड़ा है
  • घोड़ा युद्ध की आशंका दर्शाता है
  • देवी मां के आने और जाने के वाहन अलग अलग होते हैं

चैत्र नवरात्र में कुछ ही दिन बचे हैं। इस बार मां अंबे घोड़े पर सवार होकर आ रही हैं। हिंदू शास्त्र में मां जगदंबे के हर वाहन का अलग अलग महत्व बताया गया है। साल में दो बार आने वाले नवरात्र में हर बार मां नए वाहन पर धरती पर आगमन करती हैं और नए वाहन पर ही धरती से देवलोक को प्रस्थान लेती है। इन वाहनों का देश दुनिया और धरती पर बड़ा असर पड़ता है। चलिए जानते हैं कि मां के वाहन क्या हैं औऱ उनका देश दुनिया से क्या संबंध है।

हिंदू धर्म में यूं तो देवी मां को हमेशा शेर पर ही सवार देखा गया है लेकिन नवरात्र के मौके पर मां अलग अलग वाहन पर सवार होकर धरती पर आती हैं। मां के वाहन हैं - डोली, नाव, घोड़ा, भैंसा, मनुष्य और हाथी।

दिन के आधार पर तय होता है मां का वाहन

अगर नवरात्र सोमवार या रविवार से शुरू हो रहे हैं तो मां का वाहन हाथी होता है। 
अगर नवरात्र शनिवार या मंगलवार से शुरू होते हैं तो मां का वाहन घोड़ा होता है।
अगर नवरात्र गुरुवार या शुक्रवार से शुरू होते हैं तो मां डोली में बैठकर आती हैं।
अगर नवरात्र बुधवार से आरंभ हो रहे हैं तो मां नाव पर सवार होकर आती है।

किस वाहन का क्या असर
इन तथ्यों को बाकायदा देवी भागवत के एक श्लोक के जरिए बताया गया है। - 

शशिसूर्ये गजारूढ़ा शनिभौमे तुरंगमे।
गुरौ शुक्रे चदोलायां बुधे नौका प्रकी‌र्त्तिता ।।

अर्थात जब मां हाथी पर सवार होकर धरती पर आती हैं तो ज्यादा पानी बरसता है, घोड़े पर सवार होकर आती हैं तो युद्ध के हालात पैदा होते हैं, नौका पर सवार होकर आती हैं तो सब अच्छा होता है और शुभ फलदायी होता है। अगर मां डोली में बैठकर आती हैं तो महामारी, संहार का अंदेशा होता है।

इस साल यानी 2022 के चैत्र नवरात्र में देवी मां घोड़े पर सवार होकर आ रही हैं और इसका अंदेशा युद्ध की संभावना से बन रहा है। आपको जानते ही हैं कि इस वक्त दुनिया के दो देशों रूस और यूक्रेन के बीच भयंकर युद्ध हो रहा है और कई अन्य देश इसकी तकलीफें भोग रहे हैं। 

मां के प्रस्थान के वाहन हैं अलग
मां अलग वाहनों के जरिए धरती से प्रस्थान करती हैं। इस श्लोक के जरिए समझाया गया है - 

शशि सूर्य दिने यदि सा विजया महिषागमने रुज शोककरा।
शनि भौमदिने यदि सा विजया चरणायुध यानि करी विकला।।
बुधशुक्र दिने यदि सा विजया गजवाहन गा शुभ वृष्टिकरा।
सुरराजगुरौ यदि सा विजया नरवाहन गा शुभ सौख्य करा॥

यानी रविवार या सोमवार को देवी मां भैंसे की सवारी से प्रस्थान करती हैं तो देश में रोग और शोक बढ़ता है।
शनिवार या मंगलवार को देवी मां मुर्गे पर सवार होकर जाती हैं तो जनता में दुख और कष्ट बढ़ता है।
बुधवार या शुक्रवार को देवी मां हाथी पर सवार होकर विदा लेती हैं तो ज्यादा बारिश ज्यादा होती है।
गुरुवार को मां दुर्गा मनुष्य की सवारी से जाती हैं और इसका तात्पर्य ये हुआ कि मनुष्यता बढ़ेगी, सुख शांति बनी रहेगी।

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