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Buddha Purnima 2022: आज है बुद्ध पूर्णिमा, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

Buddha Purnima 2022: आइए जानते हैं बुद्ध पूर्णिमा की शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व।

Written by: Sushma Kumari @ISushmaPandey
Updated on: May 16, 2022 11:43 IST
Buddha Purnima 2022- India TV Hindi
Image Source : FREEPIK Buddha Purnima 2022

Highlights

  • इस साल बुद्ध पूर्णिमा 16 मई को मनाई जाएगी।
  • माना जाता है कि वैशाख पूर्णिमा के दिन ही भगवान गौतम बुद्ध का जन्म हुआ था।

Buddha Purnima 2022:   सनातन धर्म में वैशाख मास की पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। माना जाता है कि वैशाख पूर्णिमा के दिन ही भगवान गौतम बुद्ध का जन्म हुआ था। इस साल बुद्ध पूर्णिमा 16 मई 2022 दिन सोमवार यानी कि आज है। शास्त्रों में वैशाख पूर्णिमा का बड़ा ही महत्व है। इस दिन दोपहर 1 बजकर 18 मिनट तक विशाखा नक्षत्र भी है। दरअसल विशाखा नक्षत्र से युक्त होने के कारण ही इस पूर्णिमा को वैशाख पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। विशाखा का अर्थ होता है विभाजित या एक से अधिक शाखाओं वाला। विवाह आदि के समय सजाये गए घर के द्वार को विशाखा नक्षत्र का प्रतीक चिन्ह माना जाता है। विशाखा नक्षत्र के स्वामी देवगुरु बृहस्पति हैं। इसके तीन चरण तुला राशि में आते हैं और इसका चौथा चरण वृश्चिक राशि में आता है। 

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आइए जानते हैं बुद्ध पूर्णिमा की शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व। 

बुद्ध पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त

  • वैशाख पूर्णिमा या बुद्ध पूर्णिमा तिथि प्रारंभ -15 मई, दोपहर 12 बजकर 45 मिनट से शुरू
  • बुद्ध पूर्णिमा समापन - 16 मई,  9 बजकर 45 मिनट तक

इसलिए 16 मई को बुद्ध पूर्णिमा मनाई जाएगी और इसी दिन व्रत रखा जाएगा। 

पूजा विधि 

सभंव हो तो इस दिन व्रत जरूर रखें। बुद्ध पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी में स्नान, दान और पूजा-पाठ का विषेश महत्व होता है। इस दिन दान करने से कई गुना ज्‍यादा फल मिलता है। अगर किसी कारणवश नदी में स्नान न कर पाएं तो इसके जल मिले पानी से नहाएं। उसके बाद सूर्य को अर्ध्‍य दें। साथ ही पीपल के पेड़ में जल चढ़ाएं। इस दिन भगवान विष्‍णु की पूजा करें। इसके अलावा अगर आपसे अनजाने में कोई पाप हो गया है तो इस दिन चीनी और तिल का दान देने से इस पाप से छुटकारा मिल जाता है। जानिए इस दिन पूजा कैसे करते है। सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें। इसके बाद साफ कपड़े पहनकर भगवान विष्णु का जल चढ़ाएं। इसके बाद घी का दीपक जलाएं। फिर भगवान को प्रसाद चढ़ाएं और आरती करें। अगर प्रसाद में तुसली का इस्तेमाल करते हैं तो बेहतर होगा। इस दिन सात्विक खाना ही खाएं।

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वैशाख पूर्णिमा या बुद्ध पूर्णिमा का महत्व

वैशाख पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करने का अधिक महत्व होता है। इस दिव गंगा घाट पर स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलने के साथ-साथ जीवन में सुख-शांति आती है। इस दिन पूर्णिमा का व्रत किया जाता है और पूर्णिमा के दिन किये जाने वाले स्नान-दान करके पुण्य कमाया जाता है।  पूर्णिमा के दिन श्री विष्णु के स्वरूप भगवान सत्यनारायण की पूजा की जाती है। इस दिन सुबह स्नान आदि के बाद परिवार सहित भगवान सत्यनारायण की कथा कही जाती है। साथ ही  पूर्णिमा के दिन भगवान के निमित्त व्रत रखने का भी विधान है। 

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