हिंदू धर्म में नौ ग्रहों की व्याख्या करते समय ज्योतिष हर ग्रह के शुभ और अशुभ फलों के बारे में विस्तार से बताता है। हर ग्रह बिजनेस, रोजी रोटी, रोजगार नौकरी इत्यादि के लिए उत्तरदायी होता है। ऐसे में आज शेयर मार्केट की बात करेंगे कि किस ग्रह के चलते व्यक्ति शेयर मार्केट जैसे जोखिम वाले क्षेत्र में भी कामयाबी पाता है।
आर्थिक ज्योतिष के तहत कहा जाता है कि किसी भी कुंडली में पांचवा, आठवां और ग्यारहवें भाव से आकस्मिक धनलाभ के योग बनते हैं। यानी शेयर बाजार में किसी एक शेयर की अचानक उछाल से मिलने वाला फायदा इन भावों में मजबूत ग्रहों के चलते होता है।
ज्योतिष का आकलन कहता है कि शेयर बाजार में लाभ मिलने के लिए यह जरूरी है कि किसी व्यक्ति की कुंडली का पांचवा भाव मजबूत हो और वहां ऐसे ग्रह की शुभ नजर हो जो शेयर मार्केट का कारक है।
कुंडली का पांचवा भाव कमजोर हो तो आकस्मिक धनलाभ नहीं होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार राहु और चंद्रमा से शेयर बाजार के लाभ और हानि निर्धारित होने के योग बनते हैं। शेयर बाजार के नतीजों पर बृहस्पति और बुध का भी असर पड़ने की बात कही जाती है। जिस व्यक्ति की कुंडली में बृहस्पति और बुध की दशा अच्छी होती है वो शेयर बाजार में बड़ा मुनाफा कमाता है।
उस पापी ग्रह की बात करते हैं जो वैसे तो अशुभ फल देता है लेकिन उसकी नजर पड़ने पर जातक को शेयर बाजार में तगड़ा लाभ मिलता है। शेयर बाजार में लाभ पाने के लिए यह जरूरी है कि संबंधित व्यक्ति की कुंडली में राहु की दशा मजबूत हो।
वहीं, बृहस्पति के मजबूत होने पर व्यक्ति को कॉमोडिटी के बाजार में लाभ मिलने की मान्यता है। यह माना जाता है कि जिस व्यक्ति की कुंडली में बुध की दशा मजबूत होती है, वह शेयर संबंधी मामलों में अच्छा एक्सपर्ट या ब्रोकर बन सकता है।
राहु की दशा मजबूत होने पर व्यक्ति शेयर बाजार से ज्यादा कमाई कर पाता है और उसे आकस्मिक धन लाभ होते रहते हैं।
डिस्क्लेमर - ये आर्टिकल जन सामान्य सूचनाओं और लोकोक्तियों पर आधारित है। इंडिया टीवी इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता।