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Akshaya Tritiya 2022: इस दिन युधिष्ठिर को मिला था अक्षय पात्र, आज कुबेर की पूजा करके बन सकते हैं धनवान

 महाभारत के अनुसार इसी दिन सूर्य देवता से युधिष्ठिर को अक्षय पात्र मिला था जिसमें अन्न कभी खत्म नहीं होता है।

Edited by: Jyoti Jaiswal @TheJyotiJaiswal
Published on: May 03, 2022 12:38 IST
Akshaya Tritiya 2022- India TV Hindi
Image Source : FREEPIK Akshaya Tritiya 2022

Highlights

  • कुबेर ने शिवपुरम में भगवान शिव की पूजा करके आज के दिन ही समृद्धि वापस पाई थी।
  • अक्षय तृतीया पर लक्ष्मी जी की आराधना की जाती है
  • अक्षय तृतीया पर सोना खरीदना बहुत शुभ होता है।

Akshaya Tritiya 2022: वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया को अक्षय तृतीया मनाई जाती है। ये दिन हिंदू धर्म को मानने वालों के लिए बहुत खास है। महाभारत के अनुसार इसी दिन सूर्य देवता से युधिष्ठिर को अक्षय पात्र मिला था जिसमें अन्न कभी खत्म नहीं होता है। वहीं परशुरामजी का जन्म भी इसी दिन हुआ था, वे चिरंजीवी हैं अर्थात उनकी आयु का क्षय नहीं होता है इसलिए इस दिन को अक्षय तृतीया के साथ-साथ चिरंजीवी तिथि भी कहते हैं। इसी दिन से त्रेतायुग की शुरुआत हुई थी, इसलिए भी इस दिन को अक्षय तृतीया कहते हैं। इसे युगादि तिथि नाम से भी जाना जाता है साथ ही इसे नई शुरुआत का अबूझ मुहूर्त कहा जाता है।

अक्षय तिथि शुभारंभ का त्यौहार है, इस दिन अगर आप दान-पुण्य करते हैं, पूजा या हवन करते हैं तो उसके फल अक्षय होते हैं। कोई भी शुभ कार्य करना है तो ये तिथि उत्तम है। इसे ज्योतिष ग्रंथों में स्वयं सिद्ध मुहूर्त का दर्जा मिला है। यानी बिना पंचांग देखे आप इस दिन कोई भी शुभ कार्य कर सकते हैं, और वो जरूर सफल होगा। इस दिन आप विवाह भी कर सकते हैं, इस दिन विवाह करने से विवाह अक्षय होता है और पति-पत्नी का प्यार बना रहता है। इस दिन आप पितरों का तर्पण भी कर सकते हैं। 

युधिष्ठिर के अक्षय पात्र की कथा

महाभारत के अनुसार युधिष्ठिर ने अन्न पाने के लिए भगवान सूर्य की उपासना की थी। भगवान सूर्य ने पूजा से प्रसन्न होकर अक्षय तृतीया के दिन युधिष्ठिर को ऐसा पात्र यानी कि बर्तन दिया था जिसमें रखा अन्न कभी समाप्त नहीं होता था। इसलिए उस पात्र को अक्षय पात्र नाम दिया गया। यही वजह है कि इस दिन किसान फसलों की कटाई करके भगवान को चढ़ाते हैं जिससे उनका घर अन्न और धन से भरा रहे। 

अक्षय तृतीय पर खरीदा सोना नहीं होता नष्ट

कहा जाता है कि सोना पृथ्वी के गर्भ से मिला था। सोना अक्षय होता है यानी कि ये ये कभी नष्ट नहीं होता है। वेदों में भी सोने का जिक्र है और हजारों साल पहले भी सोने का काफी महत्व था। इस दिन सोना खरीदो तो वो सोना अक्षय होता है और हमेशा आपके पास रहता है, इस दिन सोना खरीदना बहुत शुभ होता है। यही वजह है कि लोग अक्षय तृतीया पर जमकर सोने की शॉपिंग करते हैं।

लक्ष्मी और कुबेर पूजा की होती है पूजा

कुबेर ने शिवपुरम में भगवान शिव की पूजा करके आज के दिन ही समृद्धि वापस पाई थी। इस दिन कुबेर की पूजा करने से आप संपन्न होते हैं। अक्षय तृतीया पर लक्ष्मी जी की आराधना भी करनी चाहिए, इससे जिंदगीभर आप धनवान रहेंगे। इसे उत्तरायण की दिवाली भी कहा जाता है।

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