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पैसों की दिक्कत है तो इस तरह लीजिए आटे के दीपक का संकल्प, चंद दिनों में किस्मत होगी मेहरबान

आटे के दीपक मनोकामना हेतू जलाए जाते हैं। इनके संकल्प का तरीका और जलाने का क्रम जान लीजिए।

Edited by: India TV Lifestyle Desk
Published : March 29, 2022 14:41 IST
Aate ka deepak
Image Source : QUORA Aate ka deepak

हिंदू धर्म में दीपक का महत्व बहुत ज्यादा है। हर पूजा त्योहार पर लोग दीपक जलाकर आराध्य की पूजा करते हैं। आमतौर पर घरों में पीतल तांबे और मिट्टी के दीपक जलाए जाते हैं लेकिन कई बार आटे के दीपक भी लोग जलाते हैं। 

ज्योतिषशास्त्र में कहा गया है कि जब जीवन में बड़ी परेशानियां आती हैं तो मनोकामना पूर्ति के लिए आटे के दीपक जलाकर इच्छापूर्ति की कामना की जाती है। दरअसल आटे के दीपक विशेष परिस्थितियों में विशेष दिनों के लिए ही जलाए जाते हैं। इन्हें रोज नहीं जलाया जाता। आम तौर पर लोग किसी मनोकामना को मांग कर आटे के दीपक घटते और बढ़ते क्रम यानी दिनों के लिए जलाते हैं। जैसे 11 दिन, 21 दिन या 31 दिन।

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जानिए कैसे लिया जाता है आटे के दीपक का संकल्प - 

  • ज्योतिषशास्त्र में कहा गया है कि बजरंग बली के आगे आटे के दीपक प्रज्जवलित करने से कर्ज से मुक्ति, आर्थिक तंगी और शनि प्रकोप से छुटकारा पाया जा सकता है।
  • इसी तरह मां अन्नपूर्णा देवी को भी आटे के दीपक जलाकर घर में आर्थिक तंगी दूर करने की मुराद मांगी जाती है। दूसरे दीपकों की तुलना में आटे के दीप को ज्यादा शुभ और पवित्र माना गया है।
  •  कर्ज से मुक्ति, शीघ्र विवाह, नौकरी, बीमारी, संतान प्राप्ति, खुद का घर, गृह कलह, पति-पत्नी में विवाद आदि समस्याओं के निवारण के लिए आटे के दीप संकल्प के अनुसार जलाए जाते हैं।
  • ज्योतिष शास्त्र में आटे के दीपक के क्रम इस तरह बताए गए हैं - एक दीपक से शुरुआत कर उसे 11 तक ले जाया जाता है। जैसे संकल्प के पहले दिन 1 फिर 2, 3, ,4 , 5 और 11 तक दीप जलाने के बाद 10, 9, 8, 7 ऐसे फिर घटते क्रम में दीपक जलाए जाते हैं।

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  • अगर आर्थिक तंगी दूर करने के लिए आटे के दीपक जला रहे हैं तो आटे में हल्दी मिला कर गूंथ लें और दीपक के आकार का बना लें। इसे देसी घी या सरसों के तेल से जलाएं।
  • अगर दीपक जलाने की की संख्या पूरी होने से पहले ही जातक की मनोकामना पूरी हो जाती है तो भी इसी नियम को पूरा करना चाहिए। इसे खंडित करने से मनोकामना में पूर्ति की दिक्कत आ जाती है। 
  • शनिवार को शनि मंदिर में जाकर आटे के दीपक में सरसों का तेल डालकर जलाने से शनि की ढैया और साढ़े साती में राहत मिलती है।
  • मंगल दोष लगा है तो मंगल को प्रसन्न करने के लिए मंगलवार को हनुमान मंदिर में जाकर 11 दीपक का प्रण लिया जाता है। 
  • अगर कर्ज से परेशान हो गए हैं तो हर मंगलवार आटे से बना दीपक बनाए और चमेली का तेल डालकर इसे हनुमान मंदिर में रखकर आएं और प्रभु को अपनी परेशानी बताए। 11 मंगलवार तक ये क्रम करने की सलाह दी जाती है।

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Disclaimer: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इंडिया टीवी इनकी पुष्टि नहीं करता है।

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