गणेश चतुर्थी: जानें, क्या है पूजा की विधि और मुहूर्त का समय
जीवन मंत्र | 04 Sep 2016, 11:19 PMसोमवार, 5 सितंबर को पूरे भारत में गणेश चतुर्थी मनाई जाएगी। इस त्योहार को मनाने के लि देशभर में जोर-शोर से तैयारियां की जा रही हैं।
सोमवार, 5 सितंबर को पूरे भारत में गणेश चतुर्थी मनाई जाएगी। इस त्योहार को मनाने के लि देशभर में जोर-शोर से तैयारियां की जा रही हैं।
राशिफल के पहले आपको बता दें कि आज जिनका जन्मदिन है वे दिनभर इलायची अपने पास रखें। वहीं जिनकी आज मैरिज ऐनिवर्सरी है वे छोटे बच्चों को पेड़ा खिलाएं।
इस सप्ताह आपको नौकरी, बिजनेस में लाभ मिलेगा। इसके साथ ही कुछ राशि के जातकों को कभी से अचानक धन की प्राप्ति हो सकती है। जमीन, मकान व अचल संपत्ति के विषय में भी आप चिंतित रहेंगे। जानिए इस सप्ताह आपका कैसा रहेगा....
राशिफल के पहले आपको बता दें कि आज जिनका जन्मदिन है वे आज नदी के जल से स्नान करें। स्नान करने के लिए आप गंगा या किसी अन्य पवित्र नदी पर जा सकते हैं।
ज्योतिष शास्त्र में भी इसके कुछ नियम बताए गए हैं। जानिए ऐसी कौनसी वस्तुएं हैं जो शनिवार को घर नहीं लानी चाहिए या इस दिन इन्हें नहीं खरीदना चाहिए।
अगर आप भी माता की कृपा पाना चाहते है। इसलिए लक्ष्मी जी की पूजा विधि-विधान से करने के बाद लक्ष्मी स्तुति का पाठ जरुर करना चाहिए। जिससे आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होगी।
भाद्र पद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को श्री कृष्ण का जन्म हुआ था। इस दिन भगवान की पूजा-अर्चना सच्चे मन से करना चाहिेए। जिससे आपकी हर मनोकामना पूर्ण हो। इसीलिए इस दिन श्री कृष्ण को राशि के अनुसार भोग लगाना चाहिए। जानिए राशिनुसार कैसे करें पूजा....
लोक में कृष्ण की छवि ‘कर्मयोगी’ के रूप में कम और ‘रास-रचैय्या’ के रूप में अधिक है। उन्हें विलासी समझा जाता है और उनकी सोलह हजार एक सौ आठ रानियाँ बताकर उनकी विलासिता सप्रमाणित की जाती है।
स बार जन्माष्टमी 25 अगस्त को हैं। इस बार इस दिन बहुत ही विशेष संयोग हैं। इस बार जन्माष्टमी में अष्टमी और रोहिणी नक्षत्र पड़ रहा हैं। जिसके कारण इस दिन पूरा करना काफी फलदायक साबित हो सकता हैं। ऐसा योग 52 साल पहले 1958 में बना था।
इंदौर से 70 किलोमीटर दूर देपालपुर तहसील में विश्व का एक मात्र भगवान विष्णु के 24 अवतारों का भव्य मन्दिर बन रहा है। जो मई 2017 में बन कर तैयार हो जायेगा। इस मन्दिर का निर्माण सौ गांव के लोगों से सहयोग लेकर किया जा रहा है।
हमारे दिमाग में यह भी बात आती है कि आखिर भगवान नें देवकी के गर्भ से ही क्यो जन्म लिया। वह यशोदा के गर्म से भी जन्म ले सकते है। जिन्होनें उनका पालन किया, लेकिन वह कारागार में ही क्यों देवकी के कोख से जन्म लिया
आप यह बात हमेशा सोचते होगे कि आखिर श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद काल के रोहिणी नक्षत्र की अष्टमी में ही क्यों होता है। और किसी काल या नक्षत्र या दिन में क्यों नही पडता है। इस बारें में अधिक जानकारी हमारें पुराणो में मिलती है। जानिए इसके पीछे का कारण क्य
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