Wednesday, November 27, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. लाइफस्टाइल
  3. जीवन मंत्र
  4. 58 साल बाद प्रदोष व्रत का ऐसा संयोग, जाने पूजा विधि और महत्व

58 साल बाद प्रदोष व्रत का ऐसा संयोग, जाने पूजा विधि और महत्व

नई दिल्ली: प्रदोष का व्रत हर बार कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष दोनों में पड़ता है। जो कि त्रयोदशी के दिन होता है। इस बार कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को दोनों पडनें के कारण बहुत

India TV Lifestyle Desk
Updated on: November 07, 2015 18:00 IST
प्रदोष व्रत: जानिए,...- India TV Hindi
प्रदोष व्रत: जानिए, इसका महत्व, पूजन विधि और व्रत कथा

नई दिल्ली: प्रदोष का व्रत हर बार कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष दोनों में पड़ता है। जो कि त्रयोदशी के दिन होता है। इस बार कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को दोनों पडनें के कारण बहुत ही बड़ा संयोग है। ऐसा संयोग आपके घर धन-धान्य लेकर आएगा। प्रदोष व्रत में भगवान शिव की पूजा बड़े ही विधि-विधान से की जाती है।

ये भी पढ़े- 58 साल बाद धनतेरस और प्रदोष व्रत का दुर्लभ संयोग, होगी धनवर्षा

 दीपावली के दो दिन पहले पड़ने वाली धनतेरस और भगवान शिव के प्रदोष व्रत के मिलन लगभग 58 साल बाद चंद प्रदोष व्रत का संयोग बन रहा है। जिसमें शिव के साथ कुबेर की पूजा करने का अद्भुत संयोग माना जा रहा है।

प्रदोष व्रत सूर्यास्त के बाद के 2 घण्टे 24 मिनट का समय प्रदोष काल के नाम से जाना जाता है, लेकिन यह प्रदेशों के अनुसार यह बदलता रहता है।

मान्यता है कि इस अवधि के बीच भगवान शिव कैलाश पर्वत में प्रसन्न होकर नृत्य करते है। इस दिन व्रत करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। जानिए इसकी पूजा विधि, कथा और महत्व के बारें में।

प्रदोष व्रत का महत्व

शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि प्रदोष व्रत को रखने से आपको दो गायों को दान देने के समान पुण्य मिलता है। इस दिन व्रत रखने और शिव की आराधना करने पर भगवान की कृपा आप पर हमेशा रहती है। जिससे आपको मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस व्रत करने से आप और आपका परिवार हमेशा आरोग्य रहता है। साथ ही आप की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है।

ये भी पढ़े- दीपावली में घर ला रहे हो लक्ष्मी की तस्वीर तो इस बात का रखें ध्यान

अगली स्लाइड में जानें पूजा विधि और कथा के बारें में

Latest Lifestyle News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Religion News in Hindi के लिए क्लिक करें लाइफस्टाइल सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement