इनकी पूजा करने के बाद देवी कूष्माण्डा की पूजा करे। इसके बाद हाथों में फूल लेकर मां को प्रणाम कर इस मंत्र का ध्यान करें-
सुरासम्पूर्णकलशं रूधिराप्लुतमेव च. दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु
इसके बाद मां कुष्मांडा के इस मंत्र का जाप करें-
या देवी सर्वभूतेषु मां कूष्माण्डा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
मां की पूजा के बाद महादेव और परमपिता ब्रह्मा जी की पूजा करनी चाहिए। इसके बाद मां लक्ष्मी और विष्णु भगवान की पूजा करें। इस दिन सच्चें मन से पूजा करने से आप सभी भय से मुक्त हो जाता है। साथ ही आपके घर कभी भी धन-धान्य की कमी नहीं होती है।