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धर्म डेस्क: हिंदू धर्म में मनुस्मृति ग्रंथ का विशेष महत्व है। इस ग्रंथ की रचना महाराज मनु ने महर्षि भृंग के साथ मिलकर की थी। इस ग्रंथ में हमारे जीवन से आधारित कई समस्याओं के बारें में बताया गया है। इसमें व्यक्ति के जीवन की खुशी और संस्कारवान बनानें के लिए कई सूत्र बताए गए है।
हमारा जीवन एक ऐसी चीज है। जिसमें कई तरह के लोग, कई तरह की घटनाएं यै फिर हमें कई तरह की ऐसी चीजें मिलती है। जिसके या तो हम ग्रहण कर लेते है या फिर उन्हें वहीं पर छोड़ आते है। और जब हमें कोई कुछ देता है तो या तो हम संकोच के कारण नहीं लेते है या मन नहीं होता है कि वो चीज हम लें।
मनुस्मृति में महिलाओं के बारें में भी विस्तार में बताया गया है। इसके अनुसार महिला का कैसा रहन-सहन हो। उन्हें कौन से काम महीं करना चाहिए। इस सबके बारें में मनुस्मृति में बताया गया है। जानिए महिलाओं को कौन से काम नहीं करना चाहिए।
श्लोक
पानं दुर्जनसंसर्गः पत्या च विरहोटनम्।
स्वप्नोन्यगेहेवासश्च नारीणां दूषणानि षट्।।
इस श्लोक का मतलब है कि महिलाओं को सुरापान(शराब का सेवन), दुष्ट व्यक्ति की संगत, पति से अलग रहना, बेकार इधर-उधर घूमना, देर तक सोते रहना, दूसरे के घर पर रहना नहीं चाहिए। अगर स्त्रियां ये काम करती है तो वह दूषित मानी जाती है। जानिए इसके बारें में विस्तार से।
शराब का सेवन
मनुस्मृति के अनुसार महिलाओं को शराब का सेवन नहीं करना चाहिए। क्योंकि इससे अच्छे-बुरे का कुछ पता नहीं चलता है। जिसके कारण कभी-कभी एक आचरण सबके सामने पेश हो जाते है। जो कि समाज की नजर से सही नहीं माने जाते है। इसलिए महिलाओं को पुरुषों की तरह शराब नहीं पीनी चाहिए।
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