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क्यों भगवान कृष्ण के लिए कर्ण को मारना हो गया था ज़रुरी?

महाभारत का युद्ध धर्म और अधर्म के बीच युद्ध था, ऐसा युद्ध जो परिवार के बीच ही लड़ा जा रहा था। कई यौद्धा था जिन्हें लेकर कई दिलचस्प कहानियां हैं। ऐसा ही एक यौद्धा था

India TV Lifestyle Desk
Published : February 08, 2016 17:46 IST
mahabharat
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महाभारत का युद्ध धर्म और अधर्म के बीच युद्ध था, ऐसा युद्ध जो परिवार के बीच ही लड़ा जा रहा था। कई यौद्धा था जिन्हें लेकर कई दिलचस्प कहानियां हैं। ऐसा ही एक यौद्धा था कर्ण। युद्ध के दौरान कई बार कृष्ण ने अर्जुन से परंपरागत नियमों को तोड़ने के लिए कहा जिससे धर्म की रक्षा हो सके। कर्ण की हत्या भी महाभारत का एक ऐसा ही हिस्सा है। कर्ण सूर्य के पुत्र थे जिन्हें सूर्य भगवान ने रक्षा के लिए कवच और कुंडल दिए थे।

कर्ण महाभारत के सबसे ज़्यादा दिलचस्प चरित्र माने जाते हैं। उन्हें सूर्यपुत्र, महारथी कर्ण, दानवीर कर्ण, सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर कर्ण, राधेय, वसुषेण जैसे नामोँ से भी जाना जाता है। दरअसल कर्ण को तीन शाप मिले थे। पल भर में आगबबूला होने वाले  परशुराम ने शाप दिया कि तुमने मुझसे जो भी विद्या सीखी है वह झूठ बोलकर सीखी है इसलिए जब भी तुम्हें इस विद्या की सबसे ज्यादा आवश्यकता होगी, तभी तुम इसे भूल जाओगे। कोई भी दिव्यास्त्र का उपयोग नहीं कर पाओगे।

आपको बता दें कि कृष्ण ने इसी शाप का इस्तेमाल कर कर्ण का अर्जुन के हाथों वध करवाया था।

कृष्ण का लक्ष्य धर्म की रक्षा था

भगवद गीता में यह स्पष्ट रूप से भगवान कृष्ण ने कहा है कि लक्ष्य महत्वपूर्ण है ना कि वह पहुचने का रास्ता। महाभारत में भगवान कृष्ण का पहला लक्ष्य धर्म की रक्षा करना और अधर्म का नाश करना था।

धर्म की रक्षा के लिए कृष्ण नियमों को तोड़ने से भी पीछे नहीं हटे। कर्ण की हत्या इसका सबसे बड़ा उद्धरण हैं। युद्ध के दौरान कर्ण निहत्थे थे तब कृष्ण ने अर्जुन से कर्ण को मारने के लिए कहा था।

महाभारत का युद्ध कोई आम युद्ध नहीं था क्योंकि यह युद्ध परिवार वालों के बीच था। जिससे किसी एक को तो मरना ही था। इसलिए धर्म की रक्षा करने के लिए कृष्ण ने निःशस्त्र कर्ण को मारने का फैसला किया था।

कर्ण था सबसे बड़ी बाधा

कर्ण को सबसे शक्तिशाली व्यक्ति माना जाता है जो अर्जुन को मार सकता था इसलिए कर्ण को किसी भी तरह मारना जरुरी था। कर्ण मौत के बाद आगे चल कर पांडवों की महाभारत में जीत हुई थी।

क्यो कर्ण को आज भी इज़्ज़त की नज़र से देखा जाता है?

कोई भी कृष्ण के कर्ण को मारने का सही जवाब नहीं दे सकता लेकिन जो अधर्म के रास्ते पर चलेगा उसका सर्वनाश निश्चित है। कर्ण ग़लत नहीं था सिर्फ उन्होंने गलत लोगों का साथ दिया था यही वजह है कि उनकी मौत के बाद भी दुनिया भर में उनको इज्जत से याद किया जाता है।

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