नई दिल्ली: दीपावाली हिन्दू धर्म का मुख्य पर्व है। रोशनी का पर्व माना जाने वाली दीवाली कार्तिक अमावस्या के दिन होती है। इस साल दीवाली 11 नवंबर 2015 को है। इस दिन श्री गणेश और ऐश्वर्य की देवी महालक्ष्मी जी की पूजा की जाती है। माना जाता है कि दीपावली के दिन अयोध्या के राजा श्री रामचंद्र अपने चौदह साल का वनवास करके वापस लौटे थे।
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दीपावली के दिन महालक्ष्मी की पूजा की जाती है। इस दिन माता के आगमन में अमावस्या की काली रात को प्रकाश से जगमगा दिया जाता है। हमारें दिमाग में कभी न कभी यह बात जरुर आती होगी कि महालक्ष्मी की आराधना और उपासन दीपावली के ही दिन क्यों की जाती है और किसी दिन क्यों नही। इसके पीछें क्या कारण।
कई लोगों को इसके कारण के बारें में पता होता है और कई लोगों को नही। अगर आपको भी इसके बारें में नही पता तो हम अपनी खबर में बता रहें कि आखिर इस दिन ही क्यों महालक्ष्मी की पूजा की जाती है। साथ ही गणेश जी और सरस्वती की क्यों की जाती है। जानिए आखिर इसके पीछें क्या रहस्य है।
यह रहस्य युगों पहले का है जब समुद्रमंथन नही हुआ था। हेलता और राक्षसों के बीच हमेशा युद्ध होते रहते थे। जिनमें कभी देवता बलशाली होते तो कभी राक्षस। लेकिन इस समय देवता राक्षसों में भारी पड़ रहे थे। जिसके कारण राक्षस पाताल लोक में छिप गए थे।
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