Friday, November 29, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. लाइफस्टाइल
  3. जीवन मंत्र
  4. राम ने अपने किस वचन के कारण दिया लक्ष्मण को मृत्युदंड

राम ने अपने किस वचन के कारण दिया लक्ष्मण को मृत्युदंड

श्री राम जिन्हें हम मर्यादा पुरुषोत्तम राम के नाम से जानते है। हिन्दू धर्म के ग्रंथों के अनुासर राम को विष्णु के 10 अवतारों में से सातवां अवतार माना जाता है। श्री राम

India TV Lifestyle Desk
Updated : February 25, 2016 20:21 IST
 राम ने अपने किस वचन के कारण दिया लक्ष्मण को मृत्युदंड
राम ने अपने किस वचन के कारण दिया लक्ष्मण को मृत्युदंड
 
मैं भी आपसे एक वचन मांगता हूं कि जब तक मेरे और आपके बीच बातचीत चले। तब तक हमारे बीच कोई नहीं आएगा और जो आएगा, उसको आपको मृत्युदंड देना पड़ेगा। भगवान राम, यम को वचन दे देते है।

राम अपने भाई लक्ष्मण को बुलाते है और उन्हें द्वारपाल नियुक्त कर देते है और कहते है कि जब तक उनकी और यम की बात हो रही है। तब तक वो किसी को भी अंदर न आने दे, अन्यथा उसे उन्हें मृत्युदंड देना पड़ेगा। लक्ष्मण भाई की आज्ञा मानकर द्वारपाल बनकर खड़े हो जाते है।

लक्ष्मण को द्वारपाल बने कुछ ही समय बीतता है वहां पर ऋषि दुर्वासा का आगमन होता है। जब दुर्वासा ने लक्ष्मण से अपने आगमन के बारे में राम को जानकारी देने के लिये कहा तो लक्ष्मण ने विनम्रता के साथ मना कर दिया। इस पर दुर्वासा क्रोधित हो गये तथा उन्होने सम्पूर्ण अयोध्या को श्राप देने की बात कही।

लक्ष्मण समझ गए कि ये एक विकट स्थिति है जिसमें या तो उन्हे रामाज्ञा का उल्लघंन करना होगा या फिर सम्पूर्ण नगर को ऋषि के श्राप की अग्नि में झोकना होगा। लक्ष्मण ने शीघ्र ही यह निश्चय कर लिया कि उनको स्वयं का बलिदान देना होगा ताकि वो नगर वासियों को ऋषि के श्राप से बचा सकें। उन्होने अंदर जाकर ऋषि दुर्वासा के आगमन की सूचना दी।

राम भगवान ने शीघ्रता से यम के साथ अपनी बातचीत पूरी कर ऋषि दुर्वासा की आव-भगत की। परन्तु अब श्री राम दुविधा में पड़ गए क्योंकि उन्हें अपने वचन के अनुसार लक्ष्मण को मृत्यु दंड देना था। वो समझ नहीं पा रहे थे की वो अपने भाई को मृत्युदंड कैसे दे, लेकिन उन्होंने यम को वचन दिया था जिसे निभाना ही था।

इस दुविधा में श्री राम ने अपने गुरु का स्मरण किया और कोई रास्ता दिखाने को कहा। गुरुदेव ने कहा की अपने किसी प्रिय का त्याग, उसकी मृत्यु के समान ही है। अतः तुम अपने वचन का पालन करने के लिए लक्ष्मण का त्याग कर दो।

लेकिन जैसे ही लक्ष्मण ने यह सुना तो उन्होंने राम से कहा की आप भूल कर भी मेरा त्याग नहीं करना, आप से दूर रहने से तो यह अच्छा है कि मैं आपके वचन का पालन करते हुए मृत्यु को गले लगा लू। इतना कहकर लक्ष्मण ने जल समाधि ले ली।

 

Latest Lifestyle News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Religion News in Hindi के लिए क्लिक करें लाइफस्टाइल सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement