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आज आपको बताएंगे अमरनाथ के शिवलिंग से जुड़े कुछ ऐसे रहस्य, जिनसे आप अबतक थे अनजान

आपने आजतक प्रसिंद्ध अमरनाथ के शिवलिंग के दर्शन करें होंगे लेकिन आज हम आपको हिमाचल प्रदेश के मनाली की पहाड़ियों के बीच. खुले आसमान के नीचे धरती के सबसे बडे प्रकृतिक शिवलिंग जिसकी उंचाई 30 से 40 फीट तक होती है उसके दर्शन करवाएंगे और क्यों यह शिवंलिग बनता है? 

Written by: India TV Lifestyle Desk
Published on: April 15, 2018 15:59 IST
amarnath shivling- India TV Hindi
amarnath shivling

धर्म डेस्क: आपने आजतक प्रसिंद्ध अमरनाथ के शिवलिंग के दर्शन करें होंगे लेकिन आज हम आपको हिमाचल प्रदेश के मनाली की पहाड़ियों के बीच. खुले आसमान के नीचे धरती के सबसे बडे प्रकृतिक शिवलिंग जिसकी उंचाई 30 से 40 फीट तक होती है उसके दर्शन करवाएंगे और क्यों यह शिवंलिग बनता है?

क्या मान्यता है? शिवलिंग से जूडें क्या रहस्य है? इससे रूबरू करवाएंगे। आईए आज हम आपकों ले चलते हैं मनाली से महज 12 कि.मी. दूर सोलंग वैली जहां से शुरू होता है 2 कि.मी. पहाडी रास्तों से अंजनी महादेव का सफर।

इस स्थान के लिए सोलंग वैली से ही पैदल चलने योग्य सिमेंटड रास्ता बनाया गया है तथा श्रधालु घोड़ो पर इस स्थान तक पहुंच सकते है। षिवलिंग के साथ ही पहांड़ के नीचे बाबा की कुटिया है जिसमें पिछले कुछ सालों से बाबा प्रकाष पुरी बारह माह सरदी व गर्मी में यहां रहते थे कुछ वर्श पूरी उनकी मृत्यु के पष्चात बाबा के षिश्य अब इस कुटिया में रहकर बाबा की पूजा करते है।

गौरतलब है कि अमरनाथ के षिवलिंग की उंचाई लगभग 22 फीट होती है लोग कई दिनों की कठिन यात्रा कर बाबा के दर्षन करते हैं लेकिन इस अंजनी महादेव में बनने वाले षिवलिंग के दर्षन आप मनाली के सोलंग वैली में पहुंच कर कुछ की घंटों में कर सकते है। 

 
बताया जाता है कि माता अंजनी इस स्थान पर बनते षिवलिंग की पूजा व तपस्या करती थी तथा इस गुप्त स्थान के बारे में किसी को भी पता नहीं था लेकिन बाबा के लोगों को बताने के बाद से ही अबतक दूर-दूर से श्रधालु बड़ी संख्या में बाबा के इस विषाल रूप को देखने आते है।

इस षिंवलिंग को अमरनाथ जैसा ही षक्तिषाली लोग मानते हैं तथा अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए यहां दर्षन को आते है।  जिसके चलते हरवर्श दिसंबर, जनवरी, फरबरी व मार्च तक इसी विषाल रूप के दर्षन करने लोग 2 कि.मी. आसान यात्रा कर यहां पहुंचते हैं। खुले आसमान में दिसंबर माह में ही इस स्थान में यह षिवलिंग रूप लेना षुरू कर देता है तथा जनवरी माह तक पूर्ण रूप लेकर यह षिवलिंग की उंचाई लगभग 35 से 40 फीट हो जाती है। 

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