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करवा चौथ की शाम चांद को छलनी से देखने का कारण क्या है, जानिए

नई दिल्ली:  विवाहित महिलाएं इस दिन अपने पति की दीर्घायु एवं स्वास्थ्य की कामना करने के साथ-साथ कुंवारी कन्याएं भी इस दिन मनचाहा वर पानें के लिए चंद्रमा को अर्घ्य अर्पित कर व्रत को पूरा

India TV Lifestyle Desk
Updated on: October 28, 2015 18:08 IST
करवा चौथ स्पेशल: करवा...- India TV Hindi
करवा चौथ स्पेशल: करवा चौथ की शाम चांद को छलनी से देखने का कारण, जानिए

नई दिल्ली:  विवाहित महिलाएं इस दिन अपने पति की दीर्घायु एवं स्वास्थ्य की कामना करने के साथ-साथ कुंवारी कन्याएं भी इस दिन मनचाहा वर पानें के लिए चंद्रमा को अर्घ्य अर्पित कर व्रत को पूरा करती हैं। इस व्रत में रात में शिव, पार्वती, स्वामी कार्तिकेय, गणेश और चंद्रमा के तस्वीरों और सुहाग की वस्तुओं की पूजा का विधान है। इस दिन निर्जला व्रत रखकर चंद्रमा के दर्शन और अर्घ्य अर्पण कर भोजन ग्रहण करना चाहिए। इस साल करवा चौथ 30 अक्टूबर को है। यह हिंदू धर्म में महिलाओं के मुख्य व्रत त्योहारों में से एक है।

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करवा चौथ का एक नियम है कि बिना पति का चेहरा देखें आप अपनी व्रत नही तोड़ सकते है। अगर पति नह होता है तो उसका तस्वीर को देखकर व्रत तोड़ा जाता है। इसके साथ ही करवा चौथ में छलनी का बहुत महत्व है। इसी से चांद को देखकर पति का चेहरा देखा जाता है। 

व्रत की शाम छलनी की पूजा करके चांद को देखते हुए प्रार्थना करती हैं कि उनका सौभाग्य और सुहाग सलामत रहे। इससे पीछें एक पौराणिक कथा है। जिसके कारण छलनी से देखनें की परंपरा की शुरुआत हुई।

शाकप्रस्थपुर वेदधर्मा ब्राह्मण की एक पुत्री थी। जिसका नाम वीरवती था। वीरवती के सात भाई थें। जो अपनी बहन से बहुत अधिक प्रेम करते थे। जिसके आखों में कभी भी वह आंसू नही आने देते थे। वीरवती  उसका अपने मायके में पहला करवा चौथ पड़ा।

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अगली स्लाइड में पढ़े पूरी पौराणिक कथा के बारें में

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