Vrischika Sankranti 2018: वृश्चिक संकृांति के दिन सूर्यदेव तुला राशि से वृश्चिक राशि में प्रवेश करेगा। जिसके कारण इसे वृश्चिक संक्रांति के नाम से जाना जाता है। इस बार ये संक्रांति 16 नवंबर को मनाई जाएंगी।
सूर्य की इस वृश्चिक संक्रांति का पुण्यकाल आज दोपहर 12:08 से शाम को सूर्यास्त तक रहेगा और आज सूर्यास्त शाम 5.27 बजे होगा। सूर्य की वृश्चिक संक्रांति के पुण्यकाल के दौरान नर्मदा नदी में स्नान का महत्व है। साथ ही दीपदान और वस्त्रदान का भी बड़ा ही महत्व है। आज के दिन शाम 6 बजकर 32 मिनट पर सूर्यदेव तुला से वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे और 16 दिसम्बर को रविवार के दिन सुबह 09 बजकर 10 मिनट तक यहीं पर रहेंगे। बता दूं कि जिस दिन सूर्यदेव किसी एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं, उस दिन सूर्य की संक्रांति होती है। अतः आज सूर्य की वृश्चिक संक्रांति है और किसी भी संक्रांति में पुण्यकाल का बहुत महत्व होता है।
क्या होती है संक्रांति
सूर्यदेव किसी एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं, उस दिन सूर्य की संक्रांति होती है। अतः आज सूर्य की वृश्चिक संक्रांति है और किसी भी संक्रांति में पुण्यकाल का बहुत महत्व होता है।
वृश्चिक संक्रांति का शुभ मुहूर्त
इसके 2 शुभ मुहूर्त है। पहला पुण्य मुहूर्त और दूसरा महापुण्य काल मुहूर्त
पुण्य मुहूर्त
पुण्यकाल आज दोपहर 12:08 से शाम को सूर्यास्त तक रहेगा और आज सूर्यास्त शाम 5.27 बजे होगा।
महापुण्य काल मुहूर्त: दोपहर 03:49 से 05:38 तक।