धर्म डेस्क: भारत में कई स्थानों पर विवाह पंचमी को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। मार्गशीर्ष (अगहन) मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी को भगवान श्रीराम तथा जनकपुत्री जानकी (सीता) का विवाह हुआ था। तभी से इस पंचमी को 'विवाह' के रुप में मनाई जाती है। इस बार विवाह पंचमी रविवार, 4 दिसंबर को है।
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इस बार विवाह पंचमी में विशेष संयोग है। इस बार इस पंचमी में पूर्ण अमृत योग के साथ-साथ कई प्रकार के विलक्षण और अद्भुत फल देने वाले योग में आ रही है। चौबीस विवाह का योग सोने पर सुहागा है।
- इस दिन पूजा करने के विशेष लाभ है। इस दिन पूजा करने से भगवान राम और माता सीता की कृपा बनी रहती है। साथ हर काम में सफलता मिलती है।दुनिया को राक्षस रावण समेत अन्य के अत्याचार से मुक्ति दिलाने के लिए भगवान श्रीराम का विवाह माता जानकी से हुआ था। जिसके बाद ही दुनिया के लोग रावण सहित अन्य राक्षसों के अत्याचारों से मुक्ति मिली थी। इसलिए इस दिन इनकी पूजा करने से सभी बाधाओं से मुक्ति मिल जाती है।
- अगर आपके घर में अधिक कलह हो रही हो तो इस दिन पूजा करें आपको लाभ मिलेगा। हर काम में सफलता प्राप्त होगी।
- अगर आप निसंतान है, तो इस दिन जरुर पूजा करें आपको जल्दी ही संतान की प्राप्ति होगी।
- अगर आपके हर काम में असफलता प्राप्त हो रही है, तो इस दिन पूजा करें।
- जिनती जन्मपत्री में मंगल दोष है या जिनका विवाह नहीं हो पा रहा है या जिनका दांपत्य जीवन कष्टप्रद है, उनके लिए विवाह पंचमी की पूजा वरदान साबित होगी।