धर्म डेस्क: आज मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि और बुधवार का दिन है। साथ ही आज शाम 04:36 से कल शाम 07:45 तक सारे काम बनाने वाला रवि योग रहेगा। आपको बता दूं कि हर बार मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को विवाह पंचमी के रूप में मनाया जाता है। माना जाता है कि आज ही के दिन मिथिला में सीता स्वयंवर जीतकर भगवान श्री राम ने माता सीता से विवाह रचाया था। आज के दिन बहुत से विवाह भी सम्पन्न कराए जाते हैं।
विवाह पंटमी के दिन पूजा करने से भगवान राम और माता सीता की कृपा बनी रहती है। साथ हर काम में सफलता मिलती है।दुनिया को राक्षस रावण समेत अन्य के अत्याचार से मुक्ति दिलाने के लिए भगवान श्रीराम का विवाह माता जानकी से हुआ था। जिसके बाद ही दुनिया के लोग रावण सहित अन्य राक्षसों के अत्याचारों से मुक्ति मिली थी। इसलिए इस दिन इनकी पूजा करने से सभी बाधाओं से मुक्ति मिल जाती है। जानें पूजा विधि।
विवाह पंचमी के दिन ऐसे करें पूजा
सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान के पश्चात श्री राम विवाह का संकल्प लें। इसके बाद विवाह के कार्यक्रम की शुरुआत करें। भगवान राम और माता सीता की मूर्ति या चित्र की स्थापना करें। फिर भगवान राम को पीले और माता सीता को लाल वस्त्र अर्पित करें। इनके सामने बालकाण्ड अथवा श्री राम विवाह प्रसंग का पाठ करें। पश्चात् "ऊं जानकीवल्लभाय नमः" इस मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें। इसके बाद माता सीता और भगवान राम का गठबंधन करें। फिर श्रद्धापूर्वक भगवान राम और सीता की आरती करें। इसके बाद गांठ लगे वस्त्रों को अपने पास सुरक्षित रख लें।
करें ये पाठ
आज के दिन बालकाण्ड में भगवान राम और सीता जी के विवाह प्रसंग का पाठ करना शुभ होता है। विवाह पंचमी के दिन शुभ मुहूर्त में सम्पूर्ण रामचरितमानस का पाठ करने से भी पारिवारिक जीवन सुखमय होता है। साथ ही परिवार में सामंजस्य और खुशी का माहौल बना रहता है।
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