भारत में सदियों से अतिथि देवो भव: की परंपरा चली आ रही है। अतिथियों को भगवान के समान दर्जा दिया जाता है। ऐसे में उनकी देखभाल करना हर किसी का धर्म होता है। लेकिन आज के समय में अतिथि किसी बोझ से कम नहीं माने जाते हैं। दरअसल आज के समय में किसी के पास इतना समय नहीं होता है कि वह आराम से बैठकर दिन व्यतीत करे। विष्णु पुराण के अनुसार घर आए अतिथि का आदर-सम्मान करना पुण्य का काम माना जाता है।
विष्णु पुराण में कई ऐसी बताई गई हैं जिनका पालन करके आप सफल व्यक्ति बनने के साथ पुण्य प्राप्त कर सकते हैं। इसी तरह इस पुराण में ऐसी 3 बातों के बारे में बताया गया है जिन्हें कभी भी मेहमान से नहीं पूछना चाहिए।
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शिक्षा को लेकर सवाल
कई लोगों की आदत होती हैं कि मेहमान के जीवन के बारे में हर एक बात जानना चाहता है। अगर कोई मेहमान घर आए तो उससे कभी भी यह नहीं पूछना चाहिए कि उसने कहां से और कितनी पढ़ाई की है। अगर वो कम पढ़ा-लिखा होगा तो हो सकता है कि आपते इस प्रश्न का उत्तर बताने में वह असहज हो जाए।
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आमदनी
आज के समय में आमदनी सबसे बड़ी जरुरत बनती जा रही हैं। ऐसे में कोई कम तो कोई ज्यादा कमाता है। ऐसे में अगर आपके घर कोई मेहमान आए तो उससे कभी भी उसकी आमदनी को लेकर सवाल नहीं करना चाहिए। हो सकता है इससे उसको शर्मिंदगी महसूस हो।
जाति-धर्म
अगर आपके घर कोई मेहमान आता है तो उससे कभी भी जाति, धर्म या फिर गोत्र के बारे में नहीं पूछना चाहिए। हो सकता है कि इससे सामने वाले व्यक्ति को बुरा लग जाए। इससे बनते हुए रिश्ते भी बिगड़ सकते हैं।
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