धर्म डेस्क: आज चैत्र शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि और मंगलवार का दिन है। आज नवरात्र का चौथा दिन है। आज के दिन मां दुर्गा के चौथे स्वरूप मां कुष्माण्डा की उपासना की जायेगी। इसके साथ ही आज वैनायकी श्री गणेश चतुर्थी व्रत है। वैसे तो ये व्रत हर महीने के शुक्ल पक्ष में पड़ता है, लेकिन नवरात्र के दौरान पड़ने के कारण इस वैनायकी श्री गणेश चतुर्थी का महत्व और भी बढ़ गया है।
आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार नवरात्र के दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों के साथ ही विभिन्न शक्तियों या देवी-देवताओं की उपासना का भी बड़ा महत्व होता है। अतः आज के दिन श्री गणेश भगवान की उपासना करना, उनके मंत्रों का जप करना और उनके निमित्त विशेष उपाय करना आपके लिये बड़ा ही लाभकारी सिद्ध होगा। आचार्य इंदु प्रकाश विशेष रुप से मंत्रमहार्णव में दिये गये भगवान गणेश के वक्रतुण्ड और उच्छिष्ट गणपति मंत्र प्रयोग के बारे में बतायेंगे कि कैसे आप इन मंत्रों के प्रयोग से अपनी इच्छाओं को पूरा कर सकते हैं, अपनी जमा-पूंजी में बढ़ोतरी कर सकते हैं, करियर में आगे बढ़ सकते हैं, शत्रुओं से छुटकारा पा सकते हैं और किसी को भी अपने वश में कर सकते हैं। जानें इसके बारें में।
उच्छिष्ट गणपति मंत्र
वक्र तुण्डाय हुं
करें ये उपाय
- अगर आप अपनी धन-दौलत में वृद्धि करना चाहते हैं, तो आज के दिन अन्न में घी मिलाकर 108 आहुतियां दें और हर बार आहुति के साथ मंत्र पढ़ें -
- वक्र तुण्डाय हुं। आज के दिन ये उपाय करने से आपके धन-दौलत में निश्चित ही वृद्धि होगी।
- अगर आप चाहते हैं कि आपको अचानक से बड़ा धन लाभ हो जाये, आपकी जमा-पूंजी में बढ़ोतरी हो जाये, तो आज के दिन आपको नारियल के टुकड़े की एक हजार आहुतियां देनी चाहिए और साथ ही वक्रतुण्ड मंत्र का जप करना चाहिए -वक्र तुण्डाय हुं। आज के दिन ऐसा करने से जल्द ही आपको बड़ा धन लाभ होगा और आपकी जमा-पूंजी में बढ़ोतरी होगी।
- अगर आपको किसी भी कारणवश आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है, तो आज के दिन आपको पहले 1008 बार वक्रतुण्ड मंत्र का जप करना चाहिए। फिर भगवान का ध्यान करते हुए अष्टद्रव्यों में से किसी एक द्रव्य की 108 आहुतियां देनी चाहिए। उन अष्टद्रव्यों के नाम भी आपको बता दूं - गन्ने का रस, सत्तू, केला, चिउड़ा, तिल, मोदक, नारियल और धान का लावा। आज के दिन इस प्रकार वक्रतुण्ड मंत्र का जप करके किसी एक द्रव्य की आहुति देने से आपको हर तरह की आर्थिक समस्याओं से छुटकारा मिलेगा।.
ऐसे करें उच्छिष्ट गणपति नवार्ण मंत्र को सिद्ध
मंत्र प्रयोग के लिये सबसे पहले आपको मंत्र सिद्ध करना होगा। इसके लिये आपको आसन पर बैठकर 1008 बार उच्छिष्ट गणपति नवार्ण मंत्र का जप करना चाहिए। मंत्र है -
हस्तिपिशचिलिखे स्वाहा।
कहते हैं इस मंत्र के जप से ही कुबेर जी निधियों के स्वामी बन गये। अतः ये मंत्र बड़ा ही लाभदायी है। अगर आप 1008 बार इस मंत्र का जप न कर सकें, तो 108 बार जप करें। श्री गणेश जी के मंत्रों के जप के लिये लाल चन्दन की माला सर्वश्रेष्ठ बतायी गयी है। लाल चन्दन न होने की स्थिति में मूंगा, श्वेत चन्दन, स्फटिक या रूद्राक्ष की माला पर भी जप कर सकते हैं।
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