नई दिल्ली: आज मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि और मंगलवार का दिन है। आपको बता दें कि हर महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को वैनायकी श्री गणेश चतुर्थी व्रत किया जाता है। इस दिन भगवान श्री गणेश की विशेष रूप से पूजा का विधान है। आज के दिन जो व्यक्ति भगवान गणेश का ध्यान, पूजा और उनके निमित्त व्रत करता है, उसे ज्ञान में बढ़ोतरी और धैर्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही व्यक्ति जीवन में खूब उन्नति करता है और उसे इच्छित फल की प्राप्ति होती है। इसके अलावा आज का दिन इसलिए भी खास है क्योंकि आज मंगलवार है। इस बार 11 दिसंबर को है।
जब कभी चतुर्थी तिथि मंगलवार के दिन पड़ती है तो उस दिन अंगारक योग बनता है और वह चतुर्थी अंगारकी चतुर्थी कहलाती है। अतः आज चतुर्थी के दिन मंगलवार पड़ने से ये अंगारकी वैनायकी श्री गणेश चतुर्थी हो गई है, जो कि सीधे तौर पर मंगल ग्रह से भी जुड़ी हुयी है। आपको बता दूं कि मंगल का एक नाम अंगारक भी है और मंगल एक तेज ग्रह है। मंगल का संबंध ताकत से है। ये मनुष्य की धमनियों में दौड़ते हुये खून से सम्बन्ध रखता है। जानें अंगारक चतुर्थी का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।
अंगारक चतुर्थी पूजा विधि
सबसे पहले ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि काम जल्दी ही निपटा लें। दोपहर के समय अपनी इच्छा के अनुसार सोने, चांदी, तांबे, पीतल या मिट्टी से बनी भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें। संकल्प मंत्र के बाद श्रीगणेश की षोड़शोपचार पूजन-आरती करें। गणेशजी की मूर्ति पर सिंदूर चढ़ाएं। गणेश मंत्र (ऊँ गं गणपतयै नम:) बोलते हुए 21 दूर्वा दल चढ़ाएं। बूंदी के 21 लड्डुओं का भोग लगाएं। इनमें से 5 लड्डू मूर्ति के पास रख दें तथा 5 ब्राह्मण को दान कर दें।शेष लड्डू प्रसाद के रूप में बांट दें। पूजा में श्रीगणेश स्त्रोत, अथर्वशीर्ष, संकटनाशक स्त्रोत आदि का पाठ करें। ब्राह्मणों को भोजन कराएं और उन्हें दक्षिणा देने के बाद शाम को स्वयं भोजन ग्रहण करें। संभव हो तो उपवास करें। इस व्रत का आस्था और श्रद्धा से पालन करने पर भगवान श्रीगणेश की कृपा से मनोरथ पूरे होते हैं और जीवन में निरंतर सफलता प्राप्त होती है।
आज का राशिफल: आज बन रहे है 2 शुभ योग, मेष से मीन तक इन 7 राशियों को मिलेगा फायदा
शंखिनी स्वभाव की लड़कियां होती है ऐसी, पहले ही जान लें जीवनसाथी बनाएं कि नहीं
किस्मत वाली होती है ऐसे चिन्ह वाली लड़कियां, शादी के लिए तुरंत कहे 'हां'