वास्तु शास्त्र में आज आचार्य इंदु प्रकाश से जानिए पूजा में प्रसाद या नैवेद्य के बारे में। किसी भी पूजा में देवी-देवता को प्रसाद या नैवेद्य अर्पित किया जाता है। लेकिन उस प्रसाद का बाद में यानी चढ़ाए जाने के बाद क्या करना चाहिये- उसे खाना चाहिये, फेंकना चाहिये, ऐसे ही पड़ा रहने देना चाहिये और एक बात और कि किस बर्तन में प्रसाद चढ़ाना चाहिये ? क्योंकि इन सब चीजों का घर पर सीधा असर पड़ता है।
वास्तु के अनुसार नैवेद्य को धातु, यानि सोने, चांदी या ताम्बे के, पत्थर, यज्ञीय लकड़ी या मिट्टी के पात्र में चढ़ाना चाहिए। चढ़ाया हुआ नैवेद्य तत्काल निर्माल्य हो जाता है और उसे तुरंत उठा लेना चाहिए। प्रसाद को खाना चाहिये और यथा संभव बांटना भी चाहिये।
देवता के पास पड़ा हुआ नैवेद्य निगेटिव एनर्जी छोड़ता है। देवता को समर्पित करके प्रसाद को तुरंत उठा लेना चाहिए। ऐसा न करने पर विश्वकसेन, चण्डेश्वर, चन्डान्शु और चांडाली नामक शक्तियों के आने की बात कही गई है।
अन्य खबरों के लिए क्लिक करें
Vastu Tips: मां दुर्गा को कभी न चढ़ाएं ये फूल, देवी मां हो सकती हैं रुष्ट
Vastu Tips: इस दिशा में मुख करके जप करने से धन, वैभव और ऐश्वर्य की होती है प्राप्ति