वास्तु शास्त्र में आचार्य इंदु प्रकाश ने कल बात की थी विभिन्न भूमियों के फलों के बारे में। आज भी उसी क्रम में हम आगे की बात करेंगे। त्रिकोणाकार, यानी त्रिकोण के आकार की भूमि पुत्र की हानि कराने वाली होती है, गाड़ी के आकार की, यानी शकटाकार भूमि सुख की हानि कराने वाली होती है, हाथ के पंखे के समान भूमि धर्म की हानि कराती है।
जबकि मृदंगाकार, यानी मृदंग के आकार की और बांस की आकृति के समान भूमि वंश की हानि कराने वाली होती है। वहीं नदी के कटाव के पास की भूमि तथा आकार में टेढ़ी-मेढ़ी भूमि मंद बुद्धि या निरक्षरता को जन्म देती है। जिस भूमि में गड्ढा हो, वह झूठ को जन्म देती है। गड्ढे में गृह निर्माण करने से अनेक मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। वहीं चौराहे पर घर बनाने से कीर्ति का नाश होता है।
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