वास्तु शास्त्र में अब तक आपको विभिन्न शुभ-अशुभ भूमियों की आकृतियों के बारे में बताया गया। आज आप विभिन्न आकृतियों के फलों के बारे में जानिए। अलग-अलग आकार की भूमियों का अलग-अलग फल होता है।
आकार में चौकोर और हाथी के समान फैली हुई, वृत्ताकार, घड़े की आकार की और भद्रपीठ युक्त भूमि, यानी जिसकी लम्बाई-चौड़ाई समान व मध्य भाग समतल हो, धन-धान्यादि देने वाली होती है। अगर भूमि शिवलिंग के आकार की हो तो यह साधुओं के लिये श्रेष्ठ होती है।
ईशान कोण, यानी उत्तर-पूर्व से भूमि अगर निचाई में हो तो वह पुत्र और धन लाभ कराने वाली होती है।
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