आज से देवी के नवरात्र शुरू हो गए हैं। नौ दिनों तक चलने वाले इस व्रत में दुर्गा मां के नौ रूपों की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। नवरात्र के हर दिन का एक अलग महत्व होता है और पहले दिन देवी मां की घटस्थापना की जाती है। जानिए वास्तु शास्त्र के अनुसार कलश स्थापना के लिए किस दिशा का चुनाव करना चाहिए?
ईशान कोण अर्थात् उत्तर-पूर्व दिशा को देवताओं की दिशा माना जाता है, इसलिए माता की प्रतिमा और घट की स्थापना इसी दिशा में करना शुभ होता है। माता की मूर्ति की स्थापना के लिए चंदन की लकड़ी से बना पाट सबसे अच्छा होता है।
शास्त्र में चंदन को शुभ और सकारात्मक ऊर्जा का केंद्र माना गया है। इससे विभिन्न प्रकार के वास्तुदोषों का नाश होता है, लेकिन ध्यान रहे कि घट स्थापना स्थल के आस-पास शौचालय या स्नानगृह नहीं होना चाहिए। जो लोग नवरात्र में अपने घर की छत पर ध्वजा स्थापना करते हैं, उन्हें उत्तर-पश्चिम दिशा का चुनाव करना चाहिए।