वास्तु शास्त्र में आज जानिए दर्पण से जुड़ी कुछ अन्य बातों के बारे में। आजकल अधिकतर लोग अपने ऑफिस में, दुकानों में या संस्थानों में या फिर घर में भी बहुत चमकीले ग्रेनाइट या संगमरमर के टाइल्स लगवाने लगे हैं, जो कि देखने में बड़े ही सुंदर लगते हैं और साफ-सफाई के लिये भी सुविधाजनक होते हैं।
ये एक तरह से दर्पण की भांति ही होते हैं, लेकिन आपको बता दूं कि ईशान कोण, यानी उत्तर-पूर्व दिशा में इस तरह का फर्श लगवाते समय कुछ चीज़ों पर ध्यान देना चाहिए।
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दरअसल वास्तु के अनुसार ईशान कोण में दक्षिण या पश्चिम की अपेक्षा ऊंचाई कम रखनी चाहिए या कहें इस दिशा में गहराई अधिक होनी चाहिए। इसलिए अगर आपके संस्थान या घर आदि का नैऋत्य कोण, यानी दक्षिण-पश्चिम दिशा का भाग ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्वी भाग से नीचा है, जो कि नहीं होना चाहिए, तब उस स्थिति में आप ईशान कोण में इस तरह का चमकदार, साफ दिखाई देने वाला दर्पण या फर्श लगवा सकते हैं।
इससे ईशान कोण में गहराई का आभास होगा, जबकि दक्षिण-पश्चिम का हिस्सा देखने पर ऊंचा लगेगा। इससे आपकी आय में बढ़ोतरी होगी और आपको वास्तु दोषों से छुटकारा भी मिलेगा।
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