धर्म डेस्क: शीशा जिसमें खुद को देखकर संवारते है। जिसमें खुद को देखकर कर कल्पना भी करते है। लेकिन आज के दौर में सिर्फ यह देखने के लिए ही इस्तेमाल नहीं होता है, बल्कि सजावट के लिए भी इस्तेमाल होता है। हर घर में यह अब एक सजावट की चीज भी बन गया है।
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आज मार्केट में विभिन्न प्रकार के शीशे मिलते है। जो कि काफी महंगे भी होते है। लेकिन आप जानते है कि अगर इसका इस्तेमाल ठीक ढंग से न किया जाए तो इससे हमारे घर की खुश-शांति के साथ-साथ घर में दरिद्रता का निवास हो जाता है।
फेंगशुई और वास्तु के अनुसार हम हर काम करते है। उसके हिसाब से हम हर चीज को उसकी जगह से हटाकर दूसरी जगह रख देते है। जैसा कि वास्तु में बताया गया हो। इसी तरह हमारे घर में लगा हुआ शीशा भी काफी प्रभाव डालता है।
- अगर आप घर में शीशा ला रहे है तो इस बात का भी ध्यान रखें कि उसका फ्रेम किस रंग और किस आकार का है। क्योंकि इससे भी नकारात्मक ऊर्ज प्रवेश करती है। इसलिए कभी भी गर्म, ज्यादा गहरे रंग का फ्रेम न लेकर हल्के रंग जैसे कि नीला, सफेद, हरा, क्रीम आदि रंग ले। साथ ही कभी भी गोल आकार का शीशा न लें।
- वास्तु और विज्ञान दोनों में माना जाता है कि शीशा किसी भी प्रकाश को परावर्तित कर देता है। वह ऊर्जा कोई भी हो सकती है नकारात्मक या फिर सकारात्मक। माना जाता है कि अगर इसे सही जगह में न रखा गया तो इसे हमारे घर में नकारात्मक ऊर्जा अधिक आती है। साथ ही घर में परेशानी और दापत्यं जीवन में भी इसका गहरा प्रभाव पडता है। इसी तरह कई अन्य कारण भी है तो वास्तु और फेंगशुई के अनुसार नहीं करने चाहिए।
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