वास्तु शास्त्र में आज आचार्य इंदु प्रकाश से जानिए बहुमंजिला घरों में मन्दिर के निर्माण के बारे में। वास्तु शास्त्र के अनुसार बहुमंजिला घरों में मन्दिर के लिये सबसे निचली मंजिल का, यानी ग्राउंड फ्लोर का उपयोग करना चाहिए। सामान्यतया लोग घरों में जगह न होने के कारण मन्दिर को कमरे की किसी अलमारी या कोने में स्थापित करते हैं, लेकिन कुछ लोग अपने घर में या ऑफिस में भी अलग से मन्दिर के लिये कमरे का निर्माण करवाते हैं।
मन्दिर के लिये कमरे का चुनाव तो आप ईशान कोण या पूर्व दिशा में कर सकते हैं और कमरे का दरवाजा भी आपको इन्हीं दिशाओं में लगवाना चाहिए। साथ ही ध्यान रहे मन्दिर वाले कमरे में एक खिड़की या रोशनदान जरूर होना चाहिए, जिससे वहां पर हर समय रोशनी बनी रहे। अगर खिड़की या रोशनदान की व्यवस्था न हो तो आप कमरे में एक लाल या पीले रंग का लट्टू जलाकर रखिए।
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