वास्तु शास्त्र में आज आचार्य इंदु प्रकाश से जानिए देवों के अष्टगंध और उन्हें लगाने की उँगलियों की। ध्यान रहे कि अष्टगंध ख़ास किस्म के केमिकल हैं और लगाये जाने पर एक ख़ास एटिड्यूड जनरेट करते हैं जो हमारे विचारों बायोक्लॉक और घर की कलेक्टिव क्लॉक यानि वास्तु को प्रभावित करते हैं।
हाथों की उँगलियों में कौन सी शक्ति हमारे पुरखों ने पहचानी थी उसका वर्तमान रूप रेकी, औरा और प्राणिक होलिंग के तौर पर समझा जा सकता है।
देवी गंधाष्टक- चन्दन, अगर, कपूर, ग्रंथिपर्ण केसर, गोरोचन, जटामासी और लोहबान। साथ ही यह भी कि अनामिका उंगली से देवों और ऋषियों को, तर्जनी से पितरों को और स्वयं मध्यमा ऊँगली से गंधानुलेवन करना चाहिए।
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