अपना घर होना हर किसी का एक सपना होता है। जब हम अपने घर में प्रवेश करते हैं तो बस यहीं उम्मीद और कामना करते हैं कि घर में हमेशा सुख-समृद्धि और शांति बने रहे। इसी कारण ग्रह प्रवेश से पहले एक पूजन और हवन किया जाता है। जिससे आप हर दोषों से छुटकारा पाकर एक नए जीवन की शुरुआत करे। ज्योतिष शास्त्र ही नहीं वास्तु शास्त्र में ग्रह प्रवेश बहुत ही खास माना जाता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार माना जाता है कि घर के दोषों का असर सीधे वहां रहने वाले लोगों पर पड़ता है। इसलिए अगर आप भी नए घर में प्रवेश करने जा रहे हैं तो ध्यान रखें ये बातें।
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ग्रह प्रवेश के समय ध्यान रखें वास्तु की ये बातें
- ग्रह प्रवेश करना माघ, ज्योष्ठ, मघा, फाल्गुन और वैशाख में सही माना जाता है। वहीं आषाण, श्रावण, अश्विन पौष, भाद्रपद में ग्रह प्रवेश नहीं करना चाहिए।
- मास के साथ-साथ ग्रह प्रवेश के समय तिथि और वार का भी अधिक महत्व है। वास्तु के अनुसार मंगलवार को प्रवेश वर्जित है। वहीं विशेष परिस्थितियों में रविवार और शनिवार को भी ग्रह पूजन नहीं होता है। वहीं नंबरों की बात करे तो 2, 3, 5, 7, 11, 12, 13 तिथि सबसे शुभ मानी जाती है।
- घर में प्रवेश करते समय मंगल कलश हाथ में लिया होना चाहिए।
- घर के द्वार को रंगोली, फूलों और बंदनवार (आम के पत्तों) से सजाना शुभ माना जाता है।
- नए घर में प्रवेश करते समय मालिक और उनकी पत्नी को पांच मांगलिक वस्तुओं के साथ प्रवेश करना चाहिए। जिसमें नारियल, गुड़, चावल, दूध और हल्दी शामिल है।
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- ग्रह प्रवेश वाले दिन भगवान गणेश की मूर्ति, दक्षिणावर्ती शंख और श्री यंत्र रखना चाहिए।
- वास्तु के अनुसार पुरुष दाहिना और महिलाएं अपना बायां पैर बढ़ाकर प्रवेश करे।
- घर में प्रवेश करते ही गणपति का ध्यान करते हुण ईशान कोण या फिर पूजा घर में कलश को स्थापित कर दें।
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- ग्रह प्रवेश की पूजा के साथ-साथ किचन की भी पूजा करनी चाहिए। क्योंकि वहां अन्न माता विराजित रहती है। इसलिए विधि-विधान से चूल्हा की पूजा करे।
- किचन में ससबसे पहले गुड़, हरी सब्जियां के साथ कुछ मीठा बनाकर भगवान को भोग लगाना चाहिए।
- विधि-विधान से पूजा करने के बाद ब्राह्मण को सम्मान के साथ भोजन कराकर अपने अनुसार दक्षिणा देकर आर्शीवाद लेना चाहिए।
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