धर्म डेस्क: हिंदू पंचांग हर साल रक्षा बंधन पूर्व श्रावण मास की पूर्णिमा को 'वरलक्ष्मी-व्रत' रखा जाता है, इस व्रत की अपनी खास महिमा है। इस व्रत को करने से घर में कभी भी दरिद्रता का वास नहीं होता है। साथ ही घर पर सुख-शांति भी आती है। आज ये व्रत रखा जाता है। अगर आप ये व्रत नहीं कर पाएं है, तो कोई बात नहीं आप ये चीजे चढ़ा कर मां वरद लक्ष्मी को प्रसन्न कर सकते है।
वरद महालक्ष्मी का यह व्रत दक्षिण भारत में लोकप्रिय है। खासकर आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु और महाराष्ट्र में यह व्रत महिलाओं द्वारा अपने पति और घर के सदस्यों के अच्छे की कामना और सुख-समृद्धि के लिये किया जाता है। यह काम्य व्रत है। जानिए इस दिन मां को क्या चढाने से वह प्रसन्न होगी।
- नये दोस्त बनाने के लिये माता को दही चढ़ाना चाहिए।
- दाम्पत्य जीवन में मुधरता लाने के लिये वरद महालक्ष्मी को दूध की बर्फी का भोग लगाना चाहिए।
- बर्फी पर चांदी वर्क लगा होना चाहिए या नहीं, इसको लेकर उत्तर भारत की तरह दक्षिण भारत में भी निरामिषों और सामिषों के बीच मतभेद है। कुछ इसे ग्राहय मानते हैं और कुछ अग्राहय।
- अपने प्रोफेशन में लोकप्रियता हासिल करने के लिये वरद महालक्ष्मी को सुगंध का भोग लगाना चाहिए और देवी को चढ़ाई गई परफ्यूम को प्रसाद के रूप में लेकर नित्य इस्तेमाल करना चाहिए।
- बच्चों का मनोबल बढ़ाने और उन्हें हर चीज में आगे रखने के लिये आज के दिन वरद महालक्ष्मी को जैसमीन, यानी चमेली की सुगंध का भोग लगाना चाहिए और भोग का प्रसाद अपने बच्चे को भी देना चाहिए और आज चढ़ाई गई चमेली की सुगंध 42 दिनों तक अपने बच्चे को लगानी चाहिए।
- जीवन में समृद्धि पाने और धन-धन्य से युक्त रहने के लिये आज की रात दूध, चावल और केसर की खीर बनाकर माता को उसका भोग लगाना चाहिए और कल सुबह का सूरज निकलने के ठीक पहले उस भोग को खुले स्थान पर खड़े होकर दक्षिण-पूर्व दिशा के प्रकाश को देखते हुए ग्रहण करना चाहिए। इससे माता प्रसन्न होकर धन-धान्यादि सब कुछ देती हैं।