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वामन जयंती: मंगलवार को इस विधि से करें श्रीहरि की पूजा, साथ ही जानें व्रत कथा

मंगलवार को वामन जयंती है। वामन को भगवान विष्णु का पांचवा अवतार माना गया है। जानें पूजा विधि और व्रत कथा।

Written by: India TV Lifestyle Desk
Published : September 09, 2019 19:13 IST
Vaman jayanti 10 september
Vaman jayanti 10 september

मंगलवार को वामन जयंती है। वामन को भगवान विष्णु का पांचवा अवतार माना गया है। श्रवण नक्षत्र में भगवान विष्णु वामन रूप में अवतरित हुए थे और संयोग की बात ये है कि मंगलवार को सुबह 11 बजकर 10 मिनट से श्रवण नक्षत्र लग जाएगा। इस दिन श्री वामन भगवान के निमित्त पूजन आदि करने का विधान है।

भाद्रपद शुक्ल पक्ष की द्वादशी को गाय बछड़ा पूजन भी किया जाता है। इस दिन सुबह स्नान आदि के बाद गाय और बछड़े को भली प्रकार से स्नान कराकर उनकी पूजा की जाती है और उनके पैर छूकर आशीर्वाद लिया जाता है। आज के दिन गाय के दूध, दही या अन्य चीज़ों का सेवन नहीं करना चाहिए, बल्कि इन चीज़ों का आज के दिन दान देना चाहिए।

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वामन जयंती के दिन ऐसे करें पूजा

मंगलवार को ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान करें। श्री हरि का स्मरण करें और विधि-विधान से पूजा करें। भगवान वामन का पंचोपचार अथवा षोडषोपचार पूजन करने के पश्चात चावल, दही इत्यादि वस्तुओं का दान करना उत्तम माना गया है। संध्या समय व्रती भगवान वामन का पूजन करना चाहिए और व्रत कथा सुननी चाहिए तथा समस्त परिवार वालों को भगवान का प्रसाद ग्रहण करना चाहिए।

वामन जयंती व्रत कथा
श्रीमद्भगवद पुराण में वामन अवतार का उल्लेख मिलता है। वामन अवतार कथा अनुसार देव और दैत्यों के युद्ध में देव पराजित होने लगते हैं। असुर सेना अमरावती पर आक्रमण करने लगती है। तब इन्द्र भगवान विष्णु की शरण में जाते हैं। भगवान विष्णु उनकी सहायता करने का आश्वासन देते हैं और भगवान विष्णु वामन रुप में माता अदिति के गर्भ से उत्पन्न होने का वचन देते हैं। दैत्यराज बलि द्वारा देवों के पराभव के बाद कश्यप जी के कहने से माता अदिति पयोव्रत का अनुष्ठान करती हैं जो पुत्र प्राप्ति के लिए किया जाता है। तब भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की द्वादशी के दिन अदिति के गर्भ से प्रकट हो अवतार लेते हैं तथा ब्राह्मण-ब्रह्मचारी का रूप धारण करते हैं।

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