Highlights
- भगवान विष्णु के शरीर से उत्पन्न देवी का नाम से पड़ा उत्पन्ना एकादशी
- एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान
- इस दिन विधि-विधान से पूजा करने के साथ इन उपायों को अपनाना चाहिए।
मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की एकादशी को उत्पन्ना एकादशी के नाम से जाना जाता है, लिहाजा आज उत्पन्ना एकादशी का व्रत किया जायेगा। आचार्य इंदु प्रकाश से जानिए हर काम में सफलता पाने, सुख-समृद्धि, सुखी वैवाहिक जीवन आदि के लिए उत्पन्ना एकादशी के दिन कौन से उपाय करना होगा शुभ।
Utpanna Ekadashi 2021: आज उत्पन्ना एकादशी, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और व्रत कथा
- अगर आप किसी भी तरह के स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं से बचे रहना चाहते हैं तो आज आपको तुलसी की जड़ की थोड़ी-सी मिट्टी लेकर पानी में डालकर उससे स्नान करना चाहिए। फिर साफ पानी से स्नान करके, साफ-सुथरे कपड़े
- पहनकर भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए।
- अगर आप अपने कारोबार में दिन-दुगनी, रात-चौगनी तरक्की करना चाहते हैं तो आज आपको पांच गुंजाफल भगवान के सामने रखकर उनकी पूजा करनी चाहिए। पूजा के बाद उन गुंजाफल को अपनी तिजोरी या गल्ले में रख लें।
- अगर आप अपने बिजनेस लॉस से उबरना चाहते हैं, जीवन में हर तरह की निगेटिविटी से छुटकारा पाना चाहते हैं तो आज आपको विष्णु पूजा के समय दस मुखी रुद्राक्ष की भी पूजा करनी चाहिए और पूजा के बाद उसे अपने गले में धारण करना चाहिए।
- अगर आप अपने घर की सुख-शांति बनाये रखना चाहते हैं तो आज आपको अपने घर के मन्दिर में दक्षिणावर्त्ती शंख की स्थापना करनी चाहिए और उसकी रोली, धूप-दीप आदि से पूजा करनी चाहिए।
- अगर आप अपनी सैलेरी में बढ़ोतरी करना चाहते हैं, तो आज आपको स्नान आदि के बाद श्री विष्णु की धूप-दीप से पूजा करनी चाहिए और उनके इस मंत्र का 108 बार जप करना चाहिए। मंत्र इस प्रकार है- ‘ऊँ गोविंदाय नमः।’
- अगर आप अपने किसी कार्य की सफलता को सुनिश्चित करना चाहते हैं, तो आज आपको अपने घर के बड़ों का आशीर्वाद लेना चाहिए। साथ ही किसी जरूरतमंद को भोजन कराना चाहिए।
- अगर आप अपने वैवाहिक जीवन की डोर को मजबूत बनाये रखना चाहते हैं, तो आज आपको स्नान आदि के बाद, साफ-सुथरे कपड़े पहनकर श्री विष्णु जी के साथ ही तुलसी जी की भी विधिवत पंचोपचार से पूजा करनी चाहिए और भगवान को केसर युक्त मिठाई का भोग लगाना चाहिए।
- अगर आप अपने घर-परिवार को हर तरह के नजर दोष से बचाये रखना चाहते हैं तो आपके परिवार में जितने सदस्य हैं, उतनी संख्या में गोमती चक्र लें। अब परिवार के सदस्यों का नाम लेते हुए उन गोमती चक्र की पूजा करें। पहले एक गोमती चक्र लेकर परिवार के किसी भी एक सदस्य का नाम लेते हुए उसकी विधि-विधान से पूजा करें। फिर दूसरा गोमती चक्र लेकर परिवार के दूसरे सदस्य का नाम लेते हुए उसकी पूजा करें। इसी प्रकार आपके परिवार में जितने सदस्य हैं, एक-एक करके उनका नाम लेते हुए उतनी ही संख्या में गोमती चक्र की पूजा करें और पूजा के बाद उन सबको एक पीले रंग के कपड़े में बांधकर मन्दिर में एक तरफ रख दें।