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Utpanna Ekadashi 2017: जानिए आखिर इसे क्यों माना जाता है साल की पहली एकादशी, ये है मनाने की पौराणिक कथा

इस दिन पूजा-पाठ, व्रत करके किसी वांछित वस्तु की प्राप्ति, यानी कि जो ऐश्वर्य, संतति, स्वर्ग, मोक्ष की प्राप्ति के लिये किया जाये। जानिए आखिर एस एकादशी का नाम उत्पन्ना एकादशी क्यों पड़ा। इसके पीछे क्या है पौराणिक कथा।

Written by: India TV Lifestyle Desk
Updated on: November 13, 2017 14:20 IST
Utpanna Ekadashi 2017 - India TV Hindi
Utpanna Ekadashi 2017

धर्म डेस्क: माना जाता है कि उत्पन्ना एकादशी से ही साल की एकादशी की शुरुआत होती है। इसे बहुत ही खास माना जाता है।   हर साल 24 एकादशी होती है। जिसे अपने-अपने नामों से जाना जाता है। मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष के दिन पड़ने वाली एकदाशी को उत्पन्ना एकादशी के रुप में मनाया जाता है। इस दिन एकादशी माता का जन्म हुआ था। जिसे उत्पन्ना एकादशी के रुप में मनाया जाता है। इस बार उत्पन्ना एकादशी 14 नवंबर, मंगलवार को है।

एकादशी का व्रत नित्य और काम्य दोनों है। नित्य का मतलब है, जो व्रत गृहस्थ के लिए करना जरूरी हो और काम्य व्रत का मतलब है- जो किसी वांछित वस्तु की प्राप्ति, यानी कि जो ऐश्वर्य, संतति, स्वर्ग, मोक्ष की प्राप्ति के लिये किया जाये। जानिए आखिर एस एकादशी का नाम उत्पन्ना एकादशी क्यों पड़ा। इसके पीछे क्या है पौराणिक कथा।

एक बार मार्गशीर्ष मास की एकादशी के दिन असुरों से युद्ध के समय थकने पर भगवान विष्णु आराम करने बद्रिकाश्रम चले गये। वहां जब भगवान निद्रा अवस्था में थे, तो मुर नामक राक्षस ने उन्हें मारने का प्रयास करना चाहा, तभी विष्णु जी के शरीर से एक देवी का जन्म हुआ।

उन्होंने मुर नामक उस राक्षस का वध कर दिया। तब देवी से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु ने उन्हें वरदान दिया कि तुम्हारी उत्पत्ति एकादशी के दिन हुई है, इसलिए तुम्हें एकादशी के नाम से जाना जायेगा और इस एकादशी का नाम उत्पन्ना एकादशी होगा और जो व्यक्ति इस दिन व्रत करेगा, उसे हर तरह के मोह से छुटकारा मिलेगा और वह जीवन में तरक्की की सीढ़ी चढ़ता जायेगा।

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