जिसके बाद विष्णु भगवान सोच में पड़ कि ऐसा कौन सा राक्षस है जिसने सभी देवताओं को स्वर्ग से निकलने पर विवश कर दिया। तभी विष्णु भगवान राक्षस का वध करने गए तो विष्णु जी के शरीर से एक देवी का जन्म हुआ। और उन्होंने मुर राक्षस का वध कर दिया। तब भगवान विष्णु ने प्रसन्न होकर कहा कि ये कन्या एकादशी के दिन उत्पन्न हुई है इसीलिए तुम्हें उत्पन्ना एकादशी के नाम से जाना जाएगा। साथ ही इस दिन जो भी व्यक्ति पूरी निष्ठा-भाव के साथ व्रत और पूजा करेगा, उसकी सभी मनोकामना पूरी होंगी।