धर्म डेस्क: उत्पन्ना एकादशी सभी एकादशी में अपना ही एक अलग महत्व रखती है। जो कि मार्गशीर्ष मास के कृष्ष पक्ष को मनाी जाती है। इथना ही माना जाता है कि इसी एकादशी से साल भर के एकादशी व्रत की शुरुआत की जाती है।
एकादशी के दिन कुछ खास उपायों को करने से आप अपने काम को एक नया स्टार्ट अप दे सकते हैं, अपने दाम्पत्य जीवन में मीठास भर सकते हैं, अपने साथी से अपने रिश्ते को और मजबूत बना सकते हैं, कर्ज के चंगुल से निकल सकते हैं। इन उपायों के करके आपके सारे काम सही समय पर सही तरीके से पूरे हो सकते हैं, आपके बिजनेस की तरक्की होती जायेगी और आपकी घर की खुशहाली बरकरार रहेगी, शत्रु आपके पास आने से कतरायेंगे और आपके जीवन में पैसों का फ्लो हमेशा बना रहेगा। इस बार उत्पन्ना एकादशी 14 नवंबर, मंगलवार को है।
यह है एकादशी का मतलब
एकादशी का व्रत नित्य और काम्य दोनों है। नित्य का मतलब है, जो व्रत गृहस्थ के लिए करना जरूरी हो और काम्य व्रत का मतलब है- जो किसी वांछित वस्तु की प्राप्ति, यानी कि जो ऐश्वर्य, संतति, स्वर्ग, मोक्ष की प्राप्ति के लिये किया जाये। यहां यह बात समझनी बहुत जरूरी है कि दोनों पक्षों की एकादशी पर व्रत केवल उनके लिये नित्य है, जो गृहस्थ नहीं है। गृहस्थों के लिये व्रत केवल शुक्ल पक्ष की एकादशी पर ही नित्य है, कृष्ण पक्ष में नहीं।
- अगर आप जल्दी ही किसी नये काम की शुरुआत करने जा रहे हैं, कोई नया बिजनेस स्टार्ट करना चाहते हैं तो आज के दिन भगवान विष्णु को अपने हाथों से बनी 21 पीले फूलों की माला बनाकर चढ़ाएं। धागे में एक-एक फूल पिरोते समय अपने काम की अच्छी शुरुआत के लिये भगवान से आशीर्वाद मांगे, आपके काम निश्चय ही पूरे होंगे।
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