- इ्स प्राचीन गुफा का बहुत अधिक महत्व है क्योंकि इसमें पवित्र गंगा का जल प्रवाहित होता रहता है। जिसके कारण इस जल से होकर हर व्यक्ति मां के दर में पहुंचता है। जिसके कारण इसका महत्व अधिक बड़ जाता है।
- वैष्णो देवी मंदिर तक पहुंचने वाली घाटी में कई पड़ाव भी हैं, जिनमें से एक है आदि कुंवारी। इस गुफा को गर्भजून के नाम से जाना जाता है। क्योंकि इस गर्भजून गुफा को लेकर मान्यता है कि माता दुर्गा यहां पर 9 महीने तक उसी प्रकार रही थी जैसे कि एक शिशु माता के गर्भ में 9 महीने के लिए रहता है।
- इस पवित्र गुफा की लंबाई 98 फीट है। यहां पर अंदर जाने और बाहर आने के लिए दो कृत्रिम रास्ते बनाएं गए है। साथ ही यहां पर एक बड़ा सा चबूतरा भी बना हुआ है। जिसे माता वैष्णों का आसन माना जाता है। और वो यहीं पर विराजित रहती है।
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