धर्म डेस्क: हिंदू धर्म के चार धाम में से एक माना जाना वाला भगवान जगन्नाथ का मंदिर उडिसा राज्य के तटवर्ती शहर पुरी में स्थित हैं। इस मंदिर पर भगवान जगन्नाथ के साथ ही भगवान बलराम और देवी सुभद्रा की मूर्ति है जो कि विश्वभर में फेमस है।
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ऐसा माना जाता हैं कि जब भगवान विष्णु चारों धामों की यात्रा पर जाते थे तब वो भारत के उत्तरी भाग उत्तराखण्ड के चमोली मे बना बद्रीनाथ में स्नान करते, जिसके बाद पश्चिम में गुजरात के द्वारका में वस्त्र पहनते हैं, फिर पुरी में भोजन करते और दक्षिण के रामेश्वरम में विश्राम करते, जिसके बाद भगवान कृष्ण पुरी में निवास करने लगे और बन गया ये जग के नाथ जगन्नाथ का मंदिर।
हर साल भगवान जगन्नाथ के मंदिर में जून-जुलाई के महीने में विशाल रथयात्रा का आयेजन किया जाता हैं। जिसमें सम्मिलितक होने के लिए पूरी दुनिया से लोग आते है। माना जाता है कि इस रथ की रस्सी खीचने या छूने मात्र से ही आपको मोक्ष का प्राप्ति हो जाती है। इस रथ यात्रा में को बडे ही धूम-धाम से निकाला जाता है। इसमें तीनों देवी-देवता को अलग-अलग सुसज्जित रथ में विराजित किया जाता है। जो कि अपने आप पर अनोखा है। लेकिन आप जानते है कि विश्व प्रसिद्ध जगन्नाथ जी के मंदिर में कई ऐसे रहस्य है। जिन्हे आप जानकर दंग रह जाएगे। जानि ऐसे रहस्य के बारें मेंय़
हवा के विपरीत लहराता ध्वज
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि इस मंदिर के शिखर में जो लाल रंग का ध्वज लगा हुआ है वो हमेशा हवा के विपरीत दिशा में लहराता है। जो कि एक आश्चर्य से कम नहीं है। साथ ही प्रतिदिन शाम के समय मंदिर के ऊपर स्थापित ध्वज को मानव द्वारा उल्टा चढ़कर बदला जाता है। ध्वज पर शिव का चंद्र बना हुआ है।
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