धर्म डेस्क: नागा साधु का जीवन सबसे अलग और निराला होता है। उनको ग्रहस्थ जीवन से कोई मतलब नहीं होती है। इनका जीवन कई कठिनाइयों से भरा हुआ होता है। इन लोगों को दुनिया में क्या हो रहा है। इस बारें में इन्हें कोई मतबल है। इनके बारें में हर एक बात निराली होती है।
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आपने नागा साधु को देखा होगा तो वह कभी कपड़े पहने नहीं देखा होगा। तब आपके दिमाग में यह बात जरुर आता होगा कि आखिर ये कपड़े क्यों नहीं पहनते है। ऐसे ही कुछ और अनजानी बातें हम आपको अपनी खबर में बताएंगे कि नागा साधु ऐसा करते करते है।
- नागा साधु हिन्दू धर्मावलम्बी साधु हैं जो कि नग्न रहने तथा युद्ध कला में माहिर होने के लिए फेमस होते हैं। ये विभिन्न अखाड़ों में रहते हैं जिनकी परम्परा आदिगुरु शंकराचार्य द्वारा की गई थी। जोकि आज भी चली आ रही है।
- नागा शब्द का अर्थ होता है नंगा। जिनसे इनके नाम से पता चल रहा है कि ये नग्न अवस्था में रहते हैं और यही इनकी पहचान है। नागा साधु खुद को भगवान का देवदूत मानते हैं और उनकी उपासना में खुद को लीन कर लेते हैं कि उन्हे कपड़ों से कोई मतलब नहीं होता है। कभी-कभी ये उपासना इतनी लंबी हो जाती है कि खुद को भगवान में समर्पित कर देते है।
- अगर कोई साधारण व्यक्ति नागा साधु बनना चाहता है तो उसे पूरे 12 साल लग जाती हैं। नागा पंथ में शामिल होने के लिए जरूरी जानकारी हासिल करने में छह साल लगते हैं। इस दौरान नए सदस्य एक लंगोट के अलावा कुछ नहीं पहनते। कुंभ मेले में अंतिम प्रण लेने के बाद वे लंगोट भी त्याग देते हैं और जीवन भर यूं ही रहते हैं।
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