धर्म डेस्क: मकर संक्रांति एक ऐसा त्योहार है। जिसमें आकाश में सिर्फ पतंगे ही पतंगे दिखाई देती है। जिसमें लोग ग्रुप में होकर एक-दूसरे से पतंग का मांजा कटा रहे होते है। यह पंतगबाजी कहीं कहीं पर ओलम्पिक स्तर पर भी होती है। इस दिन बच्चें ही नही बड़े-बुजुर्ग भी बढ़-चढ कर हिस्सा लेते है।
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मकर संक्रांति एक ऐसा त्योहार है जो पूर्णरुप से भगवान सूर्य को पूजा-अर्चना की जाती है। यह त्योहार इस बार 14 जनवरी को पड़ रहा हैं। लेकिन क्या आपकरे इस त्योहार के बारें में ये तथ्य जानते है। जिसे जानकर आप चौक जाएगे। जानिए इस तथ्यों के बारें में।
इसे मकर संक्रांति ही क्यों कहा जाता है?
मकर संक्राति में मकर का मतलब है कि मकर राशि जो बारह राशि में एक है। और संक्राति का मतलब है कि सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में जाना। इस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है। जिसके कारण इसका नाम मकर संक्रांति पड़ा।
आखिर क्यों मनाई जाती है मकर संक्रांति
सूर्य अपनी स्वाभाविक गति से प्रत्येक साल 12 राशियों मेष, वृष, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु, मकर, कुंभ, मीन में 360 अंश की परिक्रमा करते हैं। एक राशि में तीस अंश का भोग करते हुए सूर्य दूसरी राशि में जाते हैं। धनु राशि को छोड़ जब सूर्य मकर राशि में आते हैं तो इसी कारण मकर संक्रांति मनाई जाती है।
ऐसा त्योहार जो हर साल एक ही दिन मनाया जाता है
मकर संक्रंति एक ऐसा त्योहार है जो हर साल 14 जनवरी को ही मनाया जाता है। इसे सोलर कैलेंडर के हिसाब से बताया गया है। और दूसरे त्योहार चंद्रमा की स्थिति पर निर्भर करते है। यह परिक्रमा हर 8 साल बाद बदलती है और एक दिन यह त्योहार आगे बढ़ जाता है। इस बार यह त्योहार 14 जनवरी को है। साल 2018 में यह त्योहार 16 जनवरी को मनाया जाएगा। जो अपने आप पर एक चौकाने वाली खबर है।
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