श्री राम ने दी हनुमान को मृत्यु
एक बार भगवान राम के गुरु विश्वामित्र किसी कारणवश हनुमानजी से गुस्सा हो गए और उन्होंने प्रभु राम को हनुमान जी को मौत की सजा देने को कहा था। भगवान राम ने ऐसा किया भी क्योंकि वह गुरु को माना नहीं कर सकते थे लेकिन सजा के दौरान हनुमान जी राम नाम जपते रहे और उनके ऊपर प्रहार किए गए सारे शस्त्र विफल हो गए
सबसे पहले श्री हनुमान ने लिखी रामायण
आमतौर पर हमने सुना है कि वाल्मिकी ने रामायण की रचना की है, तो हम आपको बता दें कि उससे पहले हनुमान जी ने रामायण की रचना की थी। रामायण के अनुसार लंका कांड शुरू होते ही हनुमान जी ने हिमालय जाकर वहां के पहाड़ों पर अपने नाखूनों से रामायण लिखनी शुरू कर दी थी। जब रामायण लिखने के बाद बाल्मीकि जी को ये पता चला तो वह हिमालय गए और वहां पर लिखी रामायण पढ़ी।
श्री राम की मृत्यु का अर्थ हनुमान जी को समझाना पड़ा
श्री राम की मृत्यु हनुमान जी कभी नहीं चाहते थे। वह कभी इस बात को स्वीकार भी नहीं कर पाएंगे। जिसके कारण वह धरती पर उथल-पुथल मचा सकते थे। इसी कारण उन्होंने ब्रह्मा जी का सहारा लिया और हनुमान जी को शांत रखने के लिए उन्हें पाताल लोक भेज दिया।