धर्म डेस्क: भारतीय समाज में शादियों में ख़ासकर हिंदु शादियों में इतनी रस्में होती हैं कि अगर प्रत्येक रस्म को निभाने बैठ जाएं तो कई दिन लग जाएंगे। शहरों में तो वक़्त की कमी के कारण इसका चलन न के बराबर है लेकिन गांवों में आज भी शादियां कई-कई दिनों तक चलती हैं।
बहरहाल रस्मों की बात चली है तो आपको बता दें कि ज़्यादातर लोगों का मानना है कि ये रस्में केवल अंधविश्वास हैं लेकिन आपको यह जानकार हैरानी होगी कि शादी की कई रस्मों के पीछे वैज्ञानिक कारण भी हैं।
वैज्ञानिकों ने जब इन पारंपरिक रस्मों की गहराई से पड़ताल की तो पाया कि कि इन रस्मों का आधार वैज्ञानिक है। दरअसल भारतीय शादियों में निभाई जाने वाली इन रस्मों का उद्देश्य शरीर, दिमाग़ और आत्मा के बीच पवित्र संबंध स्थापित करना है।
यहां हम बताने जा रहे हैं 6 रस्में जिनके पीछे वैज्ञानिक कारण हैं।
1. मेहंदी की रस्म
मेहंदी में शांतिदायक और एंटीसेप्टिक गुण होते हैं जो ठंडक प्रदान करते हैं। शादी के दिन ये वर वधू को तनाव, सिरदर्द और बुखार से राहत दिलाते हैं। यह नाख़ूनों को बढ़ाने में भी सहायक होता हैं और मेंहदी कई प्रकार के वायरल और फंगल इन्फेक्शन (संक्रमण) से भी बचाती है।
2. हल्दी की रस्म
शादी के समय हल्दी का उपयोग वर-वधू के चेहरे पर निखार लाने के लिए किया जाता है। इसके पीछे एक अन्य पारंपरिक कारण वर-वधू को बुरी नज़र से बचाना भी होता है। सब जानते हैं कि हल्दी को चमत्कारिक जड़ी बूटी कहा जाता है क्योंकि इसमें बहुत सारे औषधीय गुण होते हैं। और इस प्रकार इस पूरी प्रक्रिया में शरीर को हल्दी के लेपन से औषधीय लाभ मिलता है। हल्दी त्वचा के बैक्टीरिया को नष्ट कर देती है।
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