धर्म डेस्क: हिमालय पर्वत श्रेणियों में स्थित अमरनाथ गुफा श्रीनगर से करीब 145 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। अमरनाथ गुफा हिन्दुओं का प्रमुख तीर्थस्थल है। प्राचीनकाल में इसे 'अमरेश्वर' कहा जाता था। आपको बता दे कि पवित्र अमरनाथ गुफा के लिए वार्षिक यात्रा 2 जुलाई को शुरू होगी और यह 24 अगस्त को संपन्न होगी।
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बोर्ड के सीईओ पी.के. त्रिपाठी ने तीर्थयात्रा का कार्यक्रम घोषित किया और कहा कि दोनों मार्गो (बालटाल और पहलगाम) से प्रत्येक से प्रतिदिन 7,500 यात्रियों को तीर्थयात्रा की अनुमति होगी। हम आपको अपनी खबर में ऐसे इस पवित्र गुफा के बारे में ऐसे तथ्यों के बारें में बता रहे है। जिनके बारें में आप नहीं जानते होगे। जानिए इन रोचक तथ्यों के बारे में।
- इस गुफा का महत्व सिर्फ इसलिए नहीं है कि यहां हिम शिवलिंग का निर्माण होता है। इस गुफा का महत्व इसलिए भी है कि इसी गुफा में भगवान शिव ने अपनी पत्नी देवी पार्वती को अमरत्व का मंत्र सुनाया था। ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव साक्षात श्री अमरनाथ गुफा में विराजमान रहते हैं।
- इस गुफा में स्थित पार्वती पीठ 51 शक्तिपीठों में से एक है। मान्यता है कि यहां भगवती सती का कंठ भाग गिरा था।
- यह गुफा लगभग 160 फुट लम्बी, 100 फुट चौड़ी और काफी ऊंची है। कश्मीर में वैसे तो 45 शिव धाम, 60 विष्णु धाम, 3 ब्रह्मा धाम, 22 शक्ति धाम, 700 नाग धाम तथा असंख्य तीर्थ हैं पर अमरनाथ धाम का सबसे अधिक महत्व है।
- काशी में लिंग दर्शन एवं पूजन से दस गुणा, प्रयाग से सौ गुणा, नैमिषारण्य तथा कुरुक्षेत्र से हजार गुणा फल देने वाला अमरनाथ स्वामी का पूजन है।
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