सिर्फ प्राप्त होते है मां के मुख के दर्शन
इस मंदिर के बारें में कहा जाता है कि यह मंदिर 200 साल पुराना है। इसे 'स्तनपीठ' भी कहा जाता है जिसमे देवी का वाम स्तन कपडे से ढका रह्ता है और धातु से बना मुख के दर्शन भक्तों को कराए जाते है। यह मंदिर तालाब के मध्य स्थित है जहां जाने के लिए 12 फ़ीट चौड़ी जगह है। मुख्य भगवती के मंदिर में तीन मूर्ति है।
इन तीनों में मूर्ति में मां भगवती के साथ मां लक्ष्मी और मां सरस्वती विराजमान है। भक्त इस मंदिर में इन देवियों की मूर्ति की परिक्रमा करते हैष यह पूरा परिसर लगभग 400 मीटर में फैला हुआ है
खुलने का समय- ज्यादातर मंदिर सुबह 4 बजे खुलकर रात 11 बजे तक खुलता है।
भस्म आरती: सुबह 4 बजे से 6 बजे तक
नैवद्य आरती: सुबह 7 बजकर 30 मिनट से 8 बजकर 15 मिनट तक
महाभोग आरती: सुबह 10 बजकर 30 मिनट से 11 बजकर 15 मिनट तक
संध्या आरती: शाम 6 बजकर 30 मिनट से 7 बजकर 15 मिनट तक
शयन आरती: रात 10 बजकर 30 मिनट तक