रुद्राक्ष भगवान शिव का रूप है। मनुष्यों को अपने पापों से निवृत्ति के लिये भगवान शिव ने इन दिव्य दानों का वरदान दिया। ऐसा माना जाता है कि रुद्राक्ष धारण करते साथ ही व्यक्ति को महादेव का आशीर्वाद प्राप्त हो जाता है। कहा जाता है रुद्राक्ष तीनों लोकों यानि स्वर्ग, नर्क और धरती पर प्रसिद्ध है और इसका स्पर्श करने से एक लाख गुना, पहनने से कोटि गुना और माला जप करने से व्यक्ति को अनंत कोटि गुना पुण्य मिलताहै।साथ ही रुद्राक्ष को हाथ , कान , माथे और गले में धारण करने वाला व्यक्ति पृथ्वी पर निडर होकर घुम सकता है।
आध्यात्मिक शक्तियों के अलावा रुद्राक्ष के आयुर्वैदिक औषधीय गुण भी है। और इसका वर्णन हमारे कई ग्रंथों में भी देखने को मिलता है। यह बीज आम धारणा से कई ज्यादा गुणवान है। सभी जानते हैं मोबाइल, इलेक्ट्रानिक डिवाइटस, टेलीफोन टॉवर आदि से जो रेडिएशन निकलते है वो हमारे शरीर के लिये बेहद हानिकारक होते है और उनसे अनेकों बिमारियां होती है। उन सभी बीमारियों का उपचार रुद्राक्ष धारण करने से हो सकता है। इसके अलावा रुद्राक्ष के चूर्ण या रुद्राक्ष को पानी मे भीगोकर उस पानी का नियमित सेवन करने से बीपी,डायबिटीज, हृदय की बीमारियों का उपचार होता है। और इसके सेवन से बुद्धि एवं स्मरण शक्ति का विकास भी होता है।
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ऐसे करें असली रुद्राक्ष की पहचान
- आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार बाजार में कई तरह के रुद्राक्ष मिलते है। जिनमे से बहुत ही कम असली और ज्यादतर नकली होते है। अब सवाल यह है कि रुद्राक्ष के असली या नकली होने का पता कैसे करें? आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार असली-नकली रुद्राक्ष की पहचान कोई बहुत मुश्किल नहीं है, या इसके लियी किसी महंगे उपकरण या की भी जरुरत नहीं है। बस परीक्षा करते समय कुछ बेसिक बातों का ध्यान रखना है।
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- रुद्राक्ष की पहचान के लिए रुद्राक्ष को कुछ देर तक पानी में उबालें यदि रुद्राक्ष का रंग न निकले या उस पर किसी प्रकार का कोई असर न हो, तो वह असली होगा।
- तांबे का एक टुकड़ा नीचे रखकर उसके ऊपर रूद्राक्ष रखकर फिर दूसरा तांबे का टुकड़ा रूद्राक्ष के ऊपर रख दिया जाये और एक अंगुली से हल्के से दबाया जाये तो असली रूद्राक्ष नाचने लगता है। यह पहचान अभी तक प्रमाणिक हैं।
- शुद्ध सरसों के तेल में रूद्राक्ष को डालकर 10 मिनट तक गर्म किया जाये तो असली रूद्र्राक्ष होने पर वह अधिक चमकदार हो जायेगा और यदि नकली है तो वह धूमिल हो जायेगा।
- रूद्राक्ष की पहचान के लिए उसे सुई से कुरेदें। अगर रेशा निकले तो असली और न निकले तो नकली होगा।