ऋग्वेद में कहा गया है कि दूसरों की निंदा करने से दूसरों का नहीं बल्कि खुद का ही नुकसान होता है। निंदा से ही मनुष्य की बर्बादी की शुरुआत होती है। ऐसे व्यक्ति अन्य लोगों के सामने किसी को बुरा साबित करने के लिए चोरी, हिंसा जैसे काम करने में भी नहीं कतराते। इस निंदा करने से देवता भी नहीं बत सके है। उन्हें भी बुरा फल मिलता है। इसी कारण अधिक निंदा करने के कारण शिशुपाल की मृत्यु का कारण बना था। जो कि भगवान कृष्ण के बुआ का बेटा था। जो कि हमेशा निंदा करता था। इसी कारण वह कोई धनवान होगी।
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