ऊं अंगिरोजाताय विद्महे, वाचस्पते धीमहि, तन्नो गुरु: प्रचोदयात।।
इसके बाद भगवान की आरती कर आसन के नीचे थोड़ा सा पानी डालकर छोड़े। इस मंत्र को करने से आपकी सभी कामनाएं पूर्ण होगी।
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