नई दिल्ली: पति की लंबी उम्र के लिए हर साल इस महीने में हरियाली तीज मनाई जाती हैं। शादीशुदा हो या लड़कियां यह व्रत करती हैं। इस व्रत के खास मायने इसलिए भी है क्योंकि इस व्रत को लेकर ऐसी मान्यता है कि यह व्रत करने से भगवान शिव की तरह पति मिलता है। आपको बता दें कि हरियाली तीज पर अमर सुहाग और मनचाहा वर के लिए भगवान शिव और मां पार्वती की आराधना की जाती है। आइए जानते हैं सम्पूर्ण लाभ के लिए इस दिन किस तरह पूजा करनी चाहिए।
शिव-पार्वती के अटूट प्रेम को हरियाली तीज का त्योहार दर्शाता है। यूं तो भारत में कई त्योहार आते हैं, लेकिन सावन में हरियाली तीज का एक खासा महत्व है। इस दिन विवाहित महिलाएं पति के लिए व्रत भी रखती हैं। श्रावण मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज मनाई जाती है। इस बार ये पर्व सोमवार (13 अगस्त 2018) को पड़ रही है। इस पर्व को भगवान शिव और मां पार्वती के पुनर्मिलन के रूप में मनाया जाता है। अगर आपकी ये पहली हरियाली तीज है तो यहां इसकी पूजा से संबंधित जानकारी पूरी जानकारी ले लीजिए।
क्यों मनाया जाता है ये त्योहार
पहली बार व्रत रखने वाली महिलाओं के लिए ये जानना जरूरी है कि हरियाली तीज का त्योहार क्यों मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि हरियाली तीज के दिन शिव और पार्वती का पुर्नमिलन हुआ था। ऐसी मान्यता है कि मां पार्वती के 108वें जन्म में उन्हें भगवान शंकर पति के रूप में मिले। इसलिए 107 जन्मों तक मां पार्वती भगवान शंकर को पाने के लिए पूजा करती रहीं। ये कहा जा सकता है कि मां पार्वती को भगवान शिव ने उनके 108वें जन्म में स्वीकारा था।सुहागिन महिलाओं के लिए खास है त्योहार
इस त्योहार का सुहागिनों के लिए काफी महत्व है। अगर आपकी शादी अभी हुई है या इस साल से ही आप हरियाली तीज का व्रत उठा रही हैं तो, ये जानना आपके लिए जरूरी है कि इस दिन महिलाएं हाथों में नई चूड़ियां, पैरों में अल्ता और मेहंदी लगाकर सजती सवरती हैं। नवविवाहित महिलाएं अपनी पहली हरियाली तीज अपने मायके जाकर मनाती हैं।(13 अगस्त 2018 राशिफल: इन राशि वाले स्टूडेंट्स को मिल सकते हैं अच्छे परिणाम, हनुमान जी को चढ़ाएं लाल चोला)
ध्यान रखें ये बातें
हरियाली तीज के दिन सबसे पहले महिलाएं नहाकर मां गौरा की प्रतिमा को रेशमी वस्त्र और गहने से सजाती हैं। देवी इस स्वरूप को तीज माता भी कहा जाता है।
अर्धगोले आकार की माता की मूर्ति बनाती हैं और उसे पूजा के स्थान में बीच में रखकर पूजा करती हैं।
पूजा में कथा का विशेष महत्व है, इसलिए हरियाली तीज व्रत कथा जरूर सुनें। कथा सुनते वक्त अपने पति का ध्यान करें।
हरियाली तीज व्रत में पानी नहीं पिया जाता। दुल्हन की तरह सजें और हरे कपड़े और जेवर पहनें। इस दिन मेहंदी लगवाना शुभ माना जाता है।
दिन के अंत में सभी महिलाएं खुशी-खुशी नाचती और गाती हैं। इसी के साथ ही इस खास अवसर पर कुछ महिलाएं झूला भी झूलती हैं।(Hariyali Teej 2018: जानिए कब है हरियाली तीज साथ ही इसके शभ मुहूर्त, पूजा विधि और व्रत कथा)