धर्म डेस्क: हिंदू धर्म के पंचाग के अनुसार हर साल सौर पौष को खरमास कहते है। जिसे मलमास या फिर काली रात भी कहा जाता है। मलमास आज से यानी कि 14 मार्च, सोमवार से लेकर 13 अप्रैल, बुधवार तक रहेगा। इस दिनों पर कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता है।
ये भी पढ़े-
- आज से खर मास शुरु, नहीं होगा अब कोई शुभ काम
- आपकी जन्म कुंडली के ये भाव बनाते है आपको मालामाल, जानिए कैसे
शास्त्रों के अनुसार इस मास में सुबह सूर्योदय से पहले उठकर अपने नित्य कामों से निवृत्त हो जाना चाहिए। और दिन भर भगवान विष्णु के नाम का जाप करना चाहिए। इसे विष्णु ने अपना नाम दिया था। इसका दूसरा नाम पुरुषोत्तम मास भी है। इस दिनों पर भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए साथ ही गो दान, ब्राह्मण की सेवा, दान आदि देने से अधिक फल मिलता है।
खरमास से संबंधित कई नियन शास्त्रों में बताएं गए है। इन नियमों में यह भी बताया गया है कि इन दिनों में ये काम नहीं करना चाहिए।
- इन माह में मांसाहारी चीजों का भी सेवन नहीं करना चाहिए। इसके साथ ही प्याज, लहसुन, गाजर, मूलू, दाल, तेल और दूषित अन्य को छोड़ देना चाहिए।
- इस माह में इन चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए, इसके अनुसार सफेद धान, चावल, गेहूं, तिल, जौ, बथुआ, कंकडी, मंचावल, मूंग, शहतूत, सामक, मटर, पीपल, सौंठ, आंवला, सेंधा नमक, सुपारी आदि का सेवन नहीं करना चाहए।
- इन दिनों में किसी पराई स्त्री को नहीं देखना चाहिए। सभी का सम्मान करना चाहिए। देवी-देवता, ब्राह्मण, गाय, साधु-संयासी, बड़े-बुजुर्ग की सेवा और आदर करना चाहिए।
- खरमास में ताबें के बर्तन में रखा हुआ दूध और चमड़े में रखा हुआ पानी का सेवन नहीं करना चाहिए। साथ ही अपने हाथ से बना खाने का सेवन करना चाहिे।
- इन दिनों में साधारण जीवन जीना चाहिए। जैसे कि जमीन पर सोना, पत्तल पर खाना और धर्मभ्रष्ट संस्कारहीन लोगों से संपर्क नहीं रखना चाहिए।