नई दिल्ली: हिंदू धर्म के ग्रंथों और भारतीय समाज में मेहमान को भगवान के समान माना जाता है। जब हमारे घर में कोई मेहमान आता है कि तो हम उसकी मेहमानबाजी में लग जाते है। जिससे उसको किसी तरह का कष्ट न हो।
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घर पर मेहमान तो अक्सर लोगों के यहां आते ही रहते हैं, लेकिन घर आए मेहमान को भी भोजन कराना सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। जिस घर में मेहमान को आदरपूर्वक भोजन कराया जाता है माना जाता है कि वहां पर देवता का निवास होता है। कहा तो यहां तक भी जाता है कि ऐसे घरों में मुसीबत ज्यादा दिन तक नहीं टिकी रहती हैं। इसलिए घर आए मेहमान को खाना खिलाने का मौका कभी नहीं गंवाना चाहिए।
शिवपुराण में मेहमानों के महत्व के बारे में कई बातें बताई गई हैं। अतिथि के सत्कार को लेकर इस पुराण में 4 ऐसी बातें बताई गई हैं, जिनका पालन किया जाए तो मनुष्य को अतिथि को भोजन करवाने का फल जरूर मिलता है। जिससे उसकी कई परेशानियों से निजात मिल सकता है। जानिए कौन सी बातें मेहमानों को भोजन कराते समय ध्यान रखना चाहिए।
शरीर शुद्ध होना चाहिए
अतिथि को भगवान के समान मान जाने के कारण जिस तरह भगवान को अपवित्र या अशुद्ध होकर नही छू सकते। उनकी पूजा-पाठ नही कर सकते है। इसी प्रकार घर आए अतिथि का भी सत्कार नही कर सकते है। इसलिए जब भी कोई अतिथि घर आए तो इस बात का ध्यान रखें कि आप अशुद्ध या अपवित्र न हो। जिससे आपको उसका पुण्य प्राप्त हो।
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