नई दिल्ली: हमारे जीवन में कई बार ऐसा समय आता है कि हम कुछ चीजों को अपने से छोटा समझते है। जो कि हमारे लिए हानिकारक साबित हो सकता है। हम चाहे जितने बड़े व्यक्ति बन जाए, लेकिन कुछ चीजें ऐसी होती है जो हमें ही छोटा यानी कमजोर सबित कर देती है। अगर आपने उन्हें अपने से कमजोर या छोट समझा।
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हिंदू धर्म का पवित्र पुराण रामचरितमानस में ऐसे ही कुछ हमारी लाइफ के बारें में बताया गया है। जिसका अनुसरण करना हमे सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचा देगा। इसके लिए आपको इसमें दी हुई बातों का पालन करना चाहिए।
रामचरितमानस में कुछ ऐसी बात बताई है जो हमारे जीवन को हमेशा एक रास्ता दिखाता है। इसी पुराण में हमें किसे कभी अपने से छोटा नहीं समझना चाहिए इसके बारें में बताया गया है। रामचरितमानस के अरण्यकांड में जब शूर्पणखा लक्ष्मण के द्वारा नाक, कान काटे जाने के बाद रावण के पास जाती है, तब वह रावण को बताती है कि किन चीजों को कभी छोटा नहीं समझना चाहिए। जानिए इन चीजों के बारें में।
रिपु रुज पावक पाप प्रभु अहि गनिअ न छोट करि।
अस कहि बिबिध बिलाप करि लागी रोदन करन।।
इस सोरठा का मतलब है कि शूर्पनखा अपने भाई रावण से कहती है कि कभी भी शत्रु, रोग, अग्नि, पाप, स्वामी और सर्प को कमजोर नहीं समझना चाहिए। नही तो ये आप पर भारी पड़ सकते है।
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